न्यूज़- भारत में कोरोना वायरस से संक्रमण के 107 मामले सामने आए हैं। यह बीमारी दुनिया के 152 से अधिक देशों में फैल गई है। इस बीच, दिल्ली से राहत की खबर आई, जहां सफदरजंग अस्पताल में कोरोना संक्रमण से पीड़ित छह रोगियों को उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई। इस संक्रमण से उबरने वाले मरीजों की संख्या अब तक 10 हो गई है। सभी रोगी अब ठीक हैं, लेकिन उन्हें अगले 14 दिनों के लिए अपने घरों में अलग-थलग रखा जाएगा और इस दौरान उनके उपचार की निगरानी भी की जाएगी।
वह ठीक होने वाले रोगियों में भी हैं, जिनके वायरस का पहला मामला इटली से लौटने के बाद राजधानी में दर्ज किया गया था। वहीं, कोरोना वायरस के कारण राजधानी में मरने वाली महिला, उसके 46 वर्षीय बेटे को आरएमएल अस्पताल से सफदरजंग में भर्ती कराया गया है। वह 23 फरवरी को स्वदेश लौटे, स्विट्जरलैंड और इटली की यात्रा की, जिसके बाद उन्हें वायरस से संक्रमण के लक्षण मिलने पर 7 मार्च को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बताया जा रहा है कि यह संक्रमण उनकी 68 वर्षीय मां द्वारा फैलाया गया था।
बहरहाल, उनकी हालत स्थित है। बताते चलें कि फिलहाल, सफदरजंग अस्पताल में कोरोना वायरस से संक्रमित 10 मरीजों का इलाज चल रहा है। संदिग्ध मरीजों में 3 की रिपोर्ट नेगेटिव आई है, जबकि बाकी मरीजों की रिपोर्ट अभी आनी है। अब तक सफदरजंग और राममनोहर लोहिया में 211 लोगों को संदिग्ध मरीज मानकर भर्ती कराया गया है।
डॉक्टरों के मुताबिक, कोरोना वायरस के संक्रमण से ठीक हुए मरीजों को एंटी-एचआईवी की दवाओं की बजाय स्वाइन फ्लू के इलाज में इस्तेमाल होने वाली टेमीफ्लू दवा दी गई थी। हालांकि, ब्रिटिश अखबार द गार्डियन की रिपोर्ट के अनुसार, कोरोना के मरीजों को यदि निमोनिया के लक्षण भी दिख रहे हैं, तो उन्हें एंटी-बायोटिक दवा देनी चाहिए। उन्हें एंटी वायरल दवा टेमीफ्लू भी दी जा सकती है, जो कि कोरोना का इलाज नहीं करेगी, लेकिन उनकी वजह से यदि मरीज को फ्लू हो गया है, तो उसे ठीक करेगी।