गुजरात और महाराष्ट्र समेत पांच राज्यों पर अरब सागर में बन रहे चक्रवात 'ताऊ ते' का खतरा मंडरा रहा है। मौसम विभाग के मुताबिक 18 मई को यह चक्रवात गुजरात के तटवर्ती क्षेत्रों से टकराएगा। इस दौरान बारिश के साथ 175 KMPH तक की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं। इस तूफान का असर गुजरात-महाराष्ट्र के अलावा केरल, तमिलनाडु और कर्नाटक पर भी हो सकता है। इस चक्रवात काे म्यांमार ने ताऊ ते (Tauktae) नाम दिया है।दक्षिणी-पश्चिमी मानसून 22 मई तक अंडमान के सागर तक पहुंचेगा
15 मई को लक्षद्वीप में भारी बारिश की आशंका है। यहां 16 और 17 मई को
अन्य जगहों पर भी बारिश संभव। तमिलनाडु के घाट जिले में भी 16 मई को
तेज बारिश हो सकती है। कर्नाटक के तटवर्ती जिलों में भी इस तूफान का
असर रहेगा। यहां भी बारिश के साथ तेज हवाएं चल सकती हैं।
कोंकण और गोवा में 15-16 मई को भारी से बहुत भारी बारिश की आशंका।
गुजरात के सौराष्ट्र में 16-17 मई को भारी बारिश हो सकती है।
18 मई को कच्छ में भी तेज बारिश की आशंका।
केरल के पांच जिलों तिरुवनंतपुरम, कोलम, पठानामठिता, अलपुझा और एर्नाकुलम में रेड अलर्ट जारी।
NDRF के महानिदेशक एसएन प्रधान ने शुक्रवार को बताया- NDRF की 53 टीमों को केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, गुजरात और महाराष्ट्र के तटीय क्षेत्रों पर तैनात किया जा रहा है।
देश में इस बार मानसून एक दिन पहले दस्तक दे सकता है। मौसम विभाग की मानें तो केरल में दक्षिण-पश्चिम मानसून एक दिन पहले यानी 31 मई को पहुंच सकता है। मौसम विभाग ने शुक्रवार को बताया कि आम तौर पर राज्य में मानसून 1 जून को दस्तक देता है, लेकिन इस बार इसके 24 घंटे पहले ही पहुंचने का अनुमान है।
विभाग के मुताबिक, इस बार जून से सितंबर के बीच बारिश सामान्य रहने की ही संभावना है। इस साल सीजन में 96-104% बरसात होने की संभावना है। यह लगातार तीसरा साल है, जब IMD ने अच्छी बारिश की भविष्यवाणी की है। इससे पहले 2019-20 में भी सामान्य बारिश का अनुमान लगाया गया था।
मौजूदा अनुमान के मुताबिक, दक्षिणी-पश्चिमी मानसून 22 मई तक अंडमान के सागर तक पहुंचेगा। इसके चलते अरब सागर में चक्रवाती तूफान बनने की आशंका है। अरब सागर के ऊपर पश्चिमी विक्षोभ मजबूत हो रहा है। ये 20 मई तक बंगाल की खाड़ी में और ज्यादा मजबूत होकर पहुंचेगा। इसकी वजह से बंगाल की खाड़ी और अंडमान में 21 मई से बारिश होगी। अंडमान और निकोबार तटों पर 22 मई तक पहुंचने की संभावना है।
मौसम विभाग की ओर से बताया गया कि देश में मानसून की शुरुआती बारिश दक्षिण अंडमान सागर से होती है और उसके बाद मानसूनी हवाएं उत्तर-पश्चिम दिशा में बंगाल की खाड़ी की ओर बढ़ती हैं।