डेस्क न्यूज़: पश्चिम बंगाल में चुनाव खत्म हो चुके हैं। सरकार भी बन गयी है। परन्तु सियासत राजनीती ख़तम होने का नाम नहीं ले रही है। देश में अभी सभी नेताओ का ध्यान कोरोना से लड़ने पर होना चाहिये लेकिन राज्यपाल जगदीप धनखड़ और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच विवाद खत्म होता नहीं दिख रहा है। इस बार मुख्यमंत्री ने हिंसा प्रभावित जिलों में राज्यपाल की प्रस्तावित यात्रा पर नाराजगी जताई है। राज्यपाल का गुरुवार से हिंसा प्रभावित जिलों का दौरा करने का कार्यक्रम है जहां भाजपा कार्यकर्ताओं की जान चली गई थी।
राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पीड़ित लोगों से मिलने की राज्यपाल की घोषणा पर आपत्ति जताई है। राज्यपाल को लिखे पत्र में, सीएम ने कहा कि राज्यपाल का सचिव राज्य सरकार के आदेश के बाद जिलों का दौरा करता है। राज्यपाल का दौरा जिला और राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ चर्चा के बाद तय किया जाता है। राज्यपाल प्रोटोकॉल के खिलाफ जा रहे हैं।
ममता बनर्जी ने अपने पहले के पत्रों का जिक्र करते हुए कहा कि राज्यपाल को मुझे और राज्य मंत्रिमंडल को दरकिनार करना चाहिए और अधिकारियों से सीधे बात करनी चाहिए। आप नियमों की अवज्ञा कर रहे हैं। मैं आपसे इस तरह के व्यवहार से खुद को दूर रखने का आग्रह करती हूं। वह इस संबंध में मुख्य सचिव को निर्देश भी दे रही हैं।
राज्यपाल धनखड़ 13 मई को बंगाल के सीतलकुची और कूचबिहार के हिंसा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करेंगे। 14 मई को वह असम के रणपगली और श्रीरामपुर शिविरों में रहने वाले बंगाल के लोगों से मिलेंगे। सोशल मीडिया पर इस बारे में जानकारी देते हुए, राज्यपाल ने खुद लिखा कि वह बीएसएफ हेलीकॉप्टर से हिंसा प्रभावित क्षेत्र का दौरा करेंगे।
ममता बनर्जी ने कहा कि उन्हें सोशल मीडिया से जानकारी मिली है कि राज्यपाल 13 मई को जिलों का दौरा कर रहे हैं। यह अब तक चली आ रही परंपरा का उल्लंघन है। उन्हें उम्मीद है कि राज्यपाल लंबे समय से चले आ रहे प्रोटोकॉल का पालन करेंगे।