यूपी विधानसभा चुनाव 2022: चंदौली की चकिया विधानसभा में बीजेपी का दबदबा, जानिए इस सीट का हर अपडेट

यूपी के चंदौली जिले की चकिया विधानसभा पर फिलहाल बीजेपी का कब्जा है। दरअसल, 2017 के विधानसभा चुनाव में बसपा छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए शारदा प्रसाद ने यह सीट जीती थी।
Image Credit: TV9 Bharatvarsh
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यूपी के चंदौली जिले की चकिया विधानसभा पर फिलहाल बीजेपी का कब्जा है। दरअसल, 2017 के विधानसभा चुनाव में बसपा छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए शारदा प्रसाद ने यह सीट जीती थी। राज्य में एक बार फिर विधानसभा चुनाव का बिगुल बज गया है। चंदौली जिले की चकिया विधानसभा का राजनीतिक सफर 1962 के आम चुनाव से शुरू हुआ। इससे पहले 1952 और 1957 के आम चुनाव में यह सीट चंदौली विधानसभा से जुड़ी हुई थी। जानिए क्या है इस सीट का समीकरण…

सीट की हिस्ट्री

2017 के चुनाव से पहले बहुजन समाज पार्टी छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए शारदा प्रसाद ने यहां जीत हासिल की थी। इस चुनाव में शारदा प्रसाद को 96890 मत मिले और उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी बहुजन समाज पार्टी के जितेंद्र कुमार को 20063 मतों से हराया। शारदा प्रसाद इससे पहले बसपा से विधायक रहते हुए मंत्री रह चुके हैं। शारदा प्रसाद मूल रूप से वाराणसी की रहने वाले हैं।

2012 में सीट को मिली थी पहली महिला विधायक

2012 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी की पूनम सोनकर ने बहुजन समाज पार्टी के जितेंद्र कुमार को हराकर जिले की पहली महिला विधायक होने का गौरव हासिल किया। 2007 का विधानसभा चुनाव बहुजन समाज पार्टी के जितेंद्र कुमार ने जीता था। 2002 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के शिव तपस्या पासवान ने जीत हासिल की। 1996 के चुनाव में सपा के सत्य प्रकाश सोनकर जीते। 2017 में बनारस से सटे चंदौली में भी मोदी लहर का असर देखा गया, जहां बीजेपी ने चार में से तीन सीटें जीती थीं।

जातिगत समीकरण और कुल मतदाता

चंदौली जिले के चकिया विधानसभा क्षेत्र में कुल 367580 मतदाता हैं। इसमें एक लाख 96 हजार 600 पुरुष मतदाता हैं। वहीं महिला मतदाताओं की संख्या एक लाख 70 हजार 978 है। जाति के अनुमानित आंकड़ों की बात करें तो इस निर्वाचन क्षेत्र में सबसे ज्यादा हरिजन मतदाता हैं। जिनकी संख्या करीब 50 हजार है। दूसरे नंबर पर यादव वोटर हैं, जिनकी संख्या करीब 40 हजार है। चकिया विधानसभा क्षेत्र में क्षत्रिय मतदाताओं की संख्या करीब 35 हजार है। वहीं, करीब 20 हजार ब्राह्मण मतदाता हैं।

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