श्रीलंका में हाथी को मिलेगी वीआईपी सुरक्षा, हथियारों से लैस जवान होगें तैनात..

श्रीलंका में हाथियों पर लगातार बढ कर रहे हमलें
श्रीलंका में हाथी को मिलेगी वीआईपी सुरक्षा, हथियारों से लैस जवान होगें तैनात..
Updated on

न्यूज – आपने सेलिब्रिट्रीज, नेताओं जैसे लोगों की वीआईपी सिक्योरिटी सुनी होगी, लेकिन क्या आप जानते है कि हाथी को भी वीआईपी सिक्योरिटी मिलती है, लेकिन ऐसा भारत में नहीं बल्कि पडोंसी देश श्रीलंका में हुआ में..

हाल ही में श्रीलंका की सरकार ने वंहा के सबसे बडे हाथी को वीआईपी सुरक्षा देने का फैसला किया है। सबसे बड़े हाथी की सुरक्षा में हथियारों से लैस सेना के जवान तैनात किए हैं। हाथी की उम्र 65 साल है और उसका नाम नंडुनगमुवा राजा है इस हाथी की ऊंचाई 10.5 फीट है।

श्रीलंका की सरकार को हाथी की सुरक्षा का फैसला इसलिए लेना पड़ा की क्योंकि देश का सबसे बडा हाथी होने के कारण उसे कई फेस्टिवल में भाग लेने के लिए मुख्य मार्गों से गुजरना पडता है। इस दौरान कोई अनहोनी ना इसे देखते हुए सेना के हथियार लैस जवान तैनात किये गये है।

हाथियों को सुरक्षा देने का फैसला लेने का दुसरा कारण ये भी है कि श्रीलंका के राजसी जंगल के राजा के साथ, हाथीयों का नियमित रूप से वध किया जा रहा है और ऐसे में इस प्रजाति का विलुप्त होने का खतरा है। पिछले तीन हफ्तों के दौरान, तस्करों द्वारा पांच हाथी मार दिये गये और एक बच्चा अभी भी लापता है।

इन्ही सब के चलते तीन सशस्त्र बल और पुलिस स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) को वन्यजीव अभयारण्यों में तैनात किया जाएगा जहां अवैध शिकार बढ़ रहा था।

श्रीलंका सरकार ने इस पर कानून में भी संशोधन करने का फैसला किया है। बनाने का फैसला किया है हाथियों या अन्य लुप्त होती प्रजाति के जानवरों को मारने के लिए दोषी पाए गए लोगों को आजीवन कारावास जैसे सख्त दंड देने के लिए सरकार अध्यादेश लाएगी।

जानवरों का सम्मान करना, उनके अधिकारों को मानना हमारी जिम्मेदारी है। जानवर न तो संपत्ति हैं और न ही संसाधन। भले ये मामला श्रीलंका का हो लेकिन भारत में भी जानवरों के साथ कुछ ज्यादा अच्छा सलुक नहीं होता।

हमें समझना होगा कि जानवर हमारी सेवा के लिए नहीं हैं, उनके अधिकार देने के लिए हमें ये समझना होगा कि हम उनके साथ बर्ताव कैसा करते हैं। हम जानवरों से अच्छा व्यवहार करेंगे तो किसी कानून की जरूरत ही नहीं पडेगी। ये लड़ाई मानवाधिकार और जानवरों के हक की नहीं है। ये हमारी जिम्मेदारी है कि हम जानवरों का शोषण न करें।

logo
Since independence
hindi.sinceindependence.com