पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस के दोबारा सत्ता में आने के बाद कई विपक्षी नेता टीएमसी में शामिल हो गए हैं, हाल ही में बीजेपी के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल रॉय की पार्टी में वापसी हुई है। अब पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के बेटे और कांग्रेस के पूर्व सांसद अभिजीत मुखर्जी भी टीएमसी में शामिल हो गए है।
अभिजीत मुखर्जी ने कहा कि प्राथमिक सदस्यता के अलावा मुझे कांग्रेस पार्टी के किसी समूह में शामिल नहीं किया गया और न ही कोई पद दिया गया। इसलिए मैं एक सैनिक के रूप में टीएमसी में शामिल हुआ हूं। मैं पार्टी के निर्देशानुसार काम करूंगा। मैं अखंडता और धर्मनिरपेक्षता बनाए रखने के लिए काम करूंगा।
अभिजीत मुखर्जी के राजनीतिक करियर की बात करें तो राजनीति में आने से पहले वे सरकारी नौकरी किया करते थे।
जंगीपुर लोकसभा सीट प्रणब मुखर्जी के राष्ट्रपति बनने के बाद खाली हुई थी। 2012 में पहली बार उपचुनाव जीतकर अभिजीत कांग्रेस के टिकट पर यहां से सांसद बने थे।
2014 के लोकसभा चुनाव में वह फिर से इस सीट को बचाने में कामयाब रहे। हालांकि, वह 2019 के आम चुनाव में जंगीपुर से हार गए थे। उनके पिता प्रणब मुखर्जी ने 2004 और 2009 में इस सीट से जीत हासिल की थी।
बता दें कि नौ जून को अभिजीत मुखर्जी टीएमसी जिलाध्यक्ष और जंगीपुर सांसद समेत कई नेताओं से जंगीपुर स्थित अपने आवास पर मिले थे। इस बैठक में टीएमसी सांसद खलीलुर रहमान, जिलाध्यक्ष अबू ताहिर, विधायक इमानी विश्वास, दो मंत्री अखरुज्जमां और सबीना यास्मीन समेत कई लोग शामिल थे। इसके बाद ही मुखर्जी के टीएमसी में जाने की अटकलें तेज हो गई थी।
हालांकि अभिजीत मुखर्जी ने इसे खारिज कर दिया था और कहा था कि ये लोग मेरे पिता जी के अच्छे मित्र हैं और उनके आवास पर चाय के लिए आए थे। बता दें कि अभिजीत मुखर्जी जंगीपुर से सांसद रह चुके हैं और ममता बनर्जी के साथ उनके काफी अच्छे संबंध बताए जाते हैं।
बता दें कि हाल ही में अभिजीत बनर्जी ने फर्जी वैक्सीन कांड में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का समर्थन किया था. अभिजीत मुखर्जी ने ट्विटर पर लिखा था, ''किसी व्यक्ति विशेष की गलत हरकत के लिए पश्चिम बंगाल और ममता बनर्जी को जिम्मेवार ठहराना सही नहीं है. अगर ऐसा ही है, तो फिर मेहुल चोकसी, नीरव मोदी और विजय माल्या से जुड़े मामलों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी जिम्मेवार ठहराया जा सकता है.'' बड़ी बात यह है कि बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने इस मामले पर ममता से जवाब मांगा था
प्रणब मुखर्जी के बड़े बेटे अभिजीत मुखर्जी राजनीति में आने से पहले सरकारी नौकरी में थे, राष्ट्रपति बनने के बाद प्रणब मुखर्जी के पश्चिम बंगाल के जंगीपुर लोकसभा सीट खाली होने पर 2012 में अभिजीत कांग्रेस की टिकट पर वहां से चुनाव जीते। वह साल 2014 के लोकसभा चुनाव में जंगीपुर से फिर सांसद चुने गए. लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा, प्रणब मुखर्जी 2004 और 2009 में दो बार जंगीपुर से निर्वाचित हुए थे।
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