पंजाब कांग्रेस के प्रभारी पद से हरीश रावत की छुट्टी लगभग तय, रावत ने खुद भी मांगी छुट्टी, हरीश चौधरी हो सकते हैं नए प्रभारी

पंजाब कांग्रेस के प्रभारी पद से हरीश रावत की छुट्टी लगभग तय है। कांग्रेस ने मन बना लिया है कि उनकी जगह हरीश चौधरी को प्रभारी बनाया जाए। वह कुछ दिनों से चंडीगढ़ में डेरा डाले हुए हैं। हालांकि हरीश रावत खुद इस पद से छुट्टी मांग रहे हैं, लेकिन इसे औपचारिकता ही कहा जा सकता है।
पंजाब कांग्रेस के प्रभारी पद से हरीश रावत की छुट्टी लगभग तय, रावत ने खुद भी मांगी छुट्टी, हरीश चौधरी हो सकते हैं नए प्रभारी

पंजाब कांग्रेस के प्रभारी पद से हरीश रावत की छुट्टी लगभग तय है। कांग्रेस ने मन बना लिया है कि उनकी जगह हरीश चौधरी को प्रभारी बनाया जाए। वह कुछ दिनों से चंडीगढ़ में डेरा डाले हुए हैं। हालांकि हरीश रावत खुद इस पद से छुट्टी मांग रहे हैं, लेकिन इसे औपचारिकता ही कहा जा सकता है।

हरीश रावत खुद इस पद से छुट्टी मांग रहे हैं

रावत ने ट्वीट में लिखा कि आज मैं एक बड़ी उपापोह से उबर पाया

हूं। एक तरफ मेरा कर्तव्य जन्मभूमि के लिए है और दूसरी तरफ

कर्मभूमि पंजाब के लिए मेरी सेवाएं है, स्थितियां जटिलत्तर होती

जा रही हैं। क्योंकि ज्यों-ज्यों चुनाव आएंगे, दोनों जगह व्यक्ति को

पूर्ण समय देना पड़ेगा।

मैंने निश्चय किया है कि लीडरशिप से प्रार्थना करूं कि अगले कुछ महीने मैं उत्तराखंड को पूर्ण रूप से समर्पित रह सकूं। इसलिए पंजाब में जो मेरा वर्तमान दायित्व है, उस दायित्व से मुझे अवमुक्त कर दिया जाय।आज्ञा पार्टी नेतृत्व की, विनती हरीश रावत की।

अगर मैं जन्मभूमि के साथ न्याय करूंगा, तभी मैं कर्मभूमि के साथ न्याय कर सकूंगा-रावत 

रावत ने आगे लिखा कि उत्तराखंड में बेमौसम बारिश के कहर से मैं कुछ जगहों पर तो जा सका, लेकिन आंसू पोछने के लिए हर जगह जाना चाहता था. लेकिन कर्तव्य की पुकार मुझसे कुछ और अपेक्षाएं लेकर खड़ी हुई हैं। अगर मैं जन्मभूमि के साथ न्याय करूंगा, तभी मैं कर्मभूमि के साथ न्याय कर सकूंगा। मैं पंजाब कांग्रेस और पंजाब के लोगों का उनके निरंतर आशीर्वाद और नैतिक समर्थन के लिए बहुत आभारी हूं। संतों की भूमि, गुरुओं की भूमि, नानक देव जी की भूमि और गुरु गोबिंद सिंह जी से मेरा गहरा भावनात्मक लगाव है। मैंने निश्चय किया है कि लीडरशिप से प्रार्थना करूं कि अगले कुछ महीने मैं उत्तराखंड को पूर्ण रूप से समर्पित रह सकूं। इसलिए पंजाब में जो मेरा वर्तमान दायित्व है, उस दायित्व से मुझे अवमुक्त कर दिया जाय।आज्ञा पार्टी नेतृत्व की, विनती हरीश रावत की।

चरणजीत चन्नी-नवजोत सिद्धू विवाद के बाद नहीं आए पंजाब

मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी और नवजोत सिद्धू के बीच चल रहे विवाद को सुलझाने की जिम्मेदारी हरीश चौधरी की है और उन्होंने इसके लिए बैठकें भी की हैं. लेकिन हरीश रावत ने अब इससे दूरी बना ली है. कहा जा रहा है कि कांग्रेस आलाकमान पहले से ही चाहता है कि रावत को उनके बयानों से उपजे विवाद और मामले को ठीक से हल न कर पाने के कारण पंजाब कांग्रेस प्रभारी के पद से हटाया जाए। इसलिए कुछ समय पहले हरीश चौधरी उनके साथ बैठकों में शामिल होने लगे। चौधरी ने पहले साथ में काम किया और अब फुल फ्लैश पंजाब के मामलों को देखने लगे हैं। इसलिए उम्मीद की जा रही है कि उन्हें पंजाब मामलों का प्रभारी बनाया जा सकता है।

कैप्टन विवाद को सही ढंग से नहीं निपटा पाए

हरीश रावत को कैप्टन अमरिंदर सिंह और अन्य नेताओं के बीच मनमुटाव को सुलझाने के लिए कहा गया। लेकिन वह इसमें सफल नहीं हो सके। बाद में उनके कहने पर सिद्धू को मुखिया बनाया गया। कैप्टन को मुख्यमंत्री पद से हटा दिया गया। लेकिन विवाद सुलझने के बजाय बढ़ता ही जा रहा था. चरणजीत चन्नी के मुख्यमंत्री बनने के बाद हरीश रावत ने बयान दिया कि अगला चुनाव नवजोत सिद्धू के नेतृत्व में लड़ा जाएगा. इस पर कांग्रेस नेताओं ने सवाल उठाए। अब जबकि चरणजीत चन्नी को मुख्यमंत्री बनाया गया था, कांग्रेस अभी भी कई गुटों में बंटी हुई है।

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