लंदन में जो अपनी मर्ज़ी से कोरोनावायरस से संक्रमित होंगे उन्हें 3.34 लाख रुपए दिए जाएंगे

आप भी चौंक गए न कि यहां उल्टी गंगा कैसे बह रही है। यह ऑफर कौन दे रहा है और क्यों दे रहा है।
लंदन में जो अपनी मर्ज़ी से कोरोनावायरस से संक्रमित होंगे उन्हें 3.34 लाख रुपए दिए जाएंगे
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न्यूज़- Coronavirus को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने महामारी घोषित कर दिया है। इससे बचने के लिए लोग फेस मास्क और हैंड सेनिटाइजर का इस्तेमाल कर रहे हैं। कोरोना वायरस (Coronavirus) की वजह से दुनियाभर के 109 देशों में एक लाख 26 हजार 380 से ज्यादा लोग इस बीमारी से संक्रमित हो चुके हैं और मृतकों का आंकड़ा बढ़कर 4,635 पर पहुंच चुका है। इस बीच ब्रिटेन में एक चौंकाने वाली खबर आ रही है। यहां स्वेच्छा से कोरोना वायरस से संक्रमित होने वाले व्यक्ति को 4500 डॉलर यानी करीब 3.34 लाख रुपए नकद लेने का ऑफर दे रही है।

आप भी चौंक गए न कि यहां उल्टी गंगा कैसे बह रही है। यह ऑफर कौन दे रहा है और क्यों दे रहा है। दरअसल, कोरोनावायरस की कोई भी दवा अभी तक बाजार में मौजूद नहीं है और फार्मास्युटिकल कंपनीज इसका वैक्सीन जल्द से जल्द बाजार में उपलब्ध कराना चाहती हैं। लिहाजा, दवा कंपनियां उन लोगों को हजारों डॉलर की पेशकश कर रही हैं, जो स्वेच्छा से वायरस के एक रूप से संक्रमित होना चाहते हैं और अलगाव में दो सप्ताह का समय बिताएंगे।

इस वायरस के इलाज के लिए एक प्रभावी वैक्सीन सबसे पहले बनाना निस्संदेह किसी भी दवा कंपनी के लिए बहुत लाभदायक साबित होगा। लिहाजा, कई कंपनियां अपनी सफलता की संभावना बढ़ाने के लिए बड़ा पैसा खर्च करने को तैयार हैं। उदाहरण के लिए, कई कंपनियों के साथ-साथ सार्वजनिक क्षेत्र के संगठनों ने कथित तौर पर एक वैक्सीन की खोज में सहायता के लिए अति-संक्रामक कोरोनवायरस के एक रूप से संक्रमित होने के लिए स्वयंसेवकों को 4,500 डॉलर तक की राशि की पेशकश करना शुरू कर दिया है।

यह एक आकर्षक पेशकश है, विशेष रूप से युवा, स्वस्थ और उन लोगों के लिए जिन्हें पैसों की सख्त जरूरत हो। हालांकि, इसका सिर्फ एक ही खामियाजा लोगों को भुगतना होगा कि उन्हें कम से कम दो सप्ताह तक बाहरी दुनिया के संपर्क से प्रतिबंधित होना होगा। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एक समय में 24 लोगों तक को कोरोनोवायरस (0C43 और 229E) के दो उपभेदों से संक्रमित होने के लिए भुगतान किया जाएगा। बताते चलें कि दोनों वायरस गंभीर श्वसन लक्षण पैदा कर सकते हैं।

14 दिनों के लिए स्वयंसेवकों को सुरक्षात्मक गियर में डॉक्टरों और नर्सों की पूर्ण निगरानी में दो हफ्तों के लिए रखा जाएगा, जो उस अवधि के दौरान उनका एकमात्र मानवीय संपर्क होगा। वायरल लोड को मापने के लिए स्वाब और गंदे ऊतकों को भी एकत्र किया जाएगा। लंदन की क्वीन मैरी यूनिवर्सिटी में वायरोलॉजी के विशेषज्ञ प्रोफेसर जॉन ऑक्सफोर्ड के अनुसार, संक्रमित स्वयंसेवकों को खांसी या सर्दी के हल्के लक्षणों का अनुभव होगा।

बताते चलें कि इस तरह का अभ्यास नया नहीं है। वास्तव में संयुक्त राज्य अमेरिका में पिछले साल की प्रयोगशालाएं लोगों को इन्फ्लूएंजा वायरस से संक्रमित होने के लिए स्वयंसेवक को 3,300 डॉलर का भुगतान कर रही थीं। हालांकि, कोविद -19 एक पूरी तरह से नया वायरस है और संक्रमित लोगों के लिए जोखिम काफी अधिक है।

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