डेस्क न्यूज- रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारत के साथ पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में दोनों सेनाओं के जवानों के बीच हिंसक झड़प के मद्देनजर मंगलवार को यहां एक बैठक में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और थल सेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवाने के साथ स्थिति की समीक्षा की। -चीन सीमा। । सेना ने एक बयान जारी कर कहा था कि गालवान घाटी में दोनों सेनाओं के जवानों के पीछे हटने की प्रक्रिया के दौरान सोमवार रात हिंसक झड़प हुई थी, इसमें भारत के कमांडिंग ऑफिसर समेत 20 सैनिक शहीद हो गए।
सूत्रों के अनुसार, श्री सिंह ने सेना के वरिष्ठ नेतृत्व से झड़प के बारे में विस्तृत जानकारी ली और आगे की योजना पर चर्चा की। बैठक में घटना के बाद उत्पन्न स्थिति से संबंधित सभी पहलुओं पर चर्चा की गई। सेना ने स्पष्ट किया है कि झड़प में दोनों तरफ के सैनिक मारे गए हैं। हालांकि, सेना ने चीनी सैनिकों के हताहत होने की संख्या के बारे में कुछ नहीं कहा है। सेना ने यह भी स्पष्ट किया है कि झड़प के दौरान कोई गोलीबारी नहीं हुई थी।
आपको बता दें कि बीजिंग ने भारत पर भारतीय और चीनी सेना के बीच हिंसक झड़पों को लेकर LAC पर घुसपैठ करने का आरोप लगाया है। चीनी विदेश मंत्री ने कहा कि भारतीय सैनिकों ने दो बार अवैध रूप से सीमा पार की और चीनी सैनिकों पर हमला किया। इस समय के दौरान, दोनों देशों के सैनिक भिड़ गए और परिणामस्वरूप हिंसक झड़पें हुईं। चीनी विदेश मंत्री ने कहा कि इससे वार्ता प्रभावित होगी। पूरे मामले को बातचीत के जरिए सुलझाया जाएगा। हिंसक झड़प को लेकर चीन ने भारत पर गंभीर आपत्ति दर्ज कराई है। भारतीय सेना से सीमा पार करने या इसकी एकतरफा कार्रवाई करने पर सख्ती से रोक लगाने का आग्रह किया गया है। ऐसी स्थिति बातचीत के जरिए मामले को सुलझाने की प्रक्रिया को जटिल बना सकती है।
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