रूस-यूक्रेन के बीच पिछले कई दिनों से चल रहे युध्द में भारतीय मेडिकल छात्र व कई परिवार फंसे हुए है। यूक्रेन का एयरस्पेस बंद हो चुका है, एयरपोर्ट नष्ट हो चुका है। इस वजह से कोई भी भारतीय विमान सीधा यूक्रेन पहुंच कर फंसे भारतीयों का रेस्क्यू कर नहीं ला पा रहा है।
इससे पहले भी कई देशों के बीच संघर्ष देखने को मिला है जिसमें फंसे भारतीय नागरिकों को विमान पहुंचाकर निकाल लिया गया। साल 1990 में जब कुवैत पर इराक ने हमला किया था उस वक्त फंसे हजारों भारतीयों को बसों के जरिये कुवैत से निकालकर जॉर्डन ले जाया गया और वहां से ज्यादातर एयर इंडिया के विमानों से स्वदेश पहुंचाया गया।
एयर इंडिया के पूर्व कार्यकारी निदेशक जितेंद्र भार्गव ने बताया कि 1990 में कुवैत से 1.70 लाख से अधिक भारतीयों को अपने देश लाया गया। इस निकासी अभियान की समाप्ति के बाद भार्गव ने किसी भी तरह के रिकॉर्ड की जानकारी पता की।
उन्होंने कहा 'मैंने गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स को पत्र लिखकर पूछा कि यात्री उड़ान कंपनी द्वारा निकासी का मौजूदा रिकॉर्ड क्या है। तब उन्होंने कहा कि हमारे पास यह रिकॉर्ड नहीं है और जब हमने बातचीत पूरी कर ली, तो हमने उन्हें फिर से पत्र लिखा और फिर उन्होंने इस निकासी को एक विश्व रिकॉर्ड के रूप में मान्यता दी'।
वमई, 1994 यमन में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए मस्कट के रास्ते यमन की राजधानी सना के लिए मुम्बई से विशेष उड़ानें शुरू की गयी थी।
सितंबर, 1996 एयरइंडिया ने ‘ऑपरेशन एमनेस्टी एयरलिफ्ट’ चलाया जिससे उन भारतीयों को वापस लाया गया जिनके पास संयुक्त अरब अमीरात में वैध परमिट नहीं थे।
अक्टूबर, 1997 उन भारतीयों को निकाला गया जो क्षमादान समय सीमा खत्म होने से पहले ही सऊदी अरब से जाने के लिए बाध्य कर दिये गये थे।
जुलाई, 2006 साइप्रस के लारनाका के रास्ते लेबनान से फंसे भारतीयों की घर वापसी।
मार्च, 2011 मिस्र में राजनीतिक उथल-पुथल के बाद काहिरा में फंसे 11,345 भारतीयों को निकालने के लिए विशेष उड़ानें संचालित की गई।
अगस्त, 2014 लीबिया एवं माल्टा में फंसे 1200 से अधिक भारतीयों को निकालने के लिए ट्यूनीशिया के डजेर्बा के लिए उड़ानें संचालित की गई।
अप्रैल, 2015 यमन की राजधनी सना में फंसे भारतीयों एवं अन्य नागरिकों को निकालने के लिए उड़ानें शुरू की।
जनवरी एवं फरवरी, 2020 कोरोना वायरस महामारी फैलने के बाद एयरलाइन ने चीन के वुहान में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए विमानों का संचालन किया।
मई, 2020 एयरलाइन सात मई से वंदे भारत मिशन के तहत उड़ानों का संचालन कर रही है।