प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को इंडियन स्पेस एसोसिएशन (आईएसपीए) का वर्चुअल उद्घाटन किया। पीएम मोदी ने कहा कि एयर इंडिया पर लिया गया फैसला हमारी प्रतिबद्धता और गंभीरता को दिखाता है. गरीबों के घरों, सड़कों और अन्य बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में उपग्रह ट्रैकिंग या नेविगेशन तकनीक हो … वे शासन को पारदर्शी बनाने में मदद कर रही हैं। उन्होंने कहा कि आज अगर भारत दुनिया की शीर्ष डिजिटल अर्थव्यवस्था में आगे है, तो इसका कारण यह है कि हमने गरीब से गरीब व्यक्ति के बीच भी डेटा को सुलभ बनाया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत को नवोन्मेष का नया केंद्र बनना है। उन्होंने कहा कि भारत उन गिने-चुने देशों में से एक है, जिसके पास एंड टू एंड टेक्नोलॉजी है। हमने दक्षता को ब्रांड का अभिन्न अंग बना लिया है। स्पेस एक्सप्लोरेशन की प्रोसेस हो या स्पेस की टेक्नोलॉजी हो… इसे हमें निरंतर एक्सप्लोर करना है। एक पार्टनर के तौर पर इंडस्ट्रीज को युवा इन्वेंटर को सपोर्ट कर रही है और करती रहेगी।
पीएम मोदी ने कहा कि सरकार ने सबसे पहले यूपीई को डिजिटल पेमेंट के लिए बनाया। आज इस पर फिनटैक्स का विस्तार हो रहा है। ऐसे स्टार्टअप्स से प्राइवेट सेक्टर को काफी मदद मिल रही है। ड्रोन के लिए भी इसी तरह के प्लेटफॉर्म विकसित किए जा रहे हैं।
ISpA के संस्थापक सदस्यों में लार्सन एंड टुब्रो, नेल्को (टाटा ग्रुप), वनवेब, भारती एयरटेल, मैपमायइंडिया, वालचंदनगर इंडस्ट्रीज, अनंत टेक्नोलॉजी लिमिटेड शामिल हैं। इसके अन्य सदस्यों में गोदरेज, अगस्ता-बीएसटी एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड, बीईएल, सेंटम इलेक्ट्रॉनिक्स और मैक्सर इंडिया शामिल हैं।
पिछले कुछ वर्षों में देश ने अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में काफी प्रगति की है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने भी कई सफल प्रक्षेपण किए हैं। हालांकि, कोरोना के कारण इनमें से कुछ अंतरिक्ष मिशनों के शेड्यूल में देरी हुई है। देश का पहला सौर मिशन 2022 की तीसरी तिमाही में लॉन्च होने की संभावना है। भारत का दूसरा अंतरिक्ष वेधशाला एक्सपोसैट भी अगले साल लॉन्च किया जाएगा। वहीं, गगनयान मिशन के भी 2022 के अंत या 2023 की शुरुआत में शुरू होने की संभावना है।