डेस्क न्यूज़- गुजरात में अगले साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर चुनाव प्रचार शुरू हो गया है। हर बार की तरह इस बार भी अलग-अलग दलों ने राज्य के बहुसंख्यक पाटीदार समुदाय को अपने पक्ष में लाने की तैयारी शुरू कर दी है। रविवार को कागवाड़ के खोदलधाम में पाटीदार समाज के प्रमुखों की एक बैठक भी हुई, जिसमें कहा गया है कि अगला मुख्यमंत्री पाटीदार होना चाहिए।
इसको लेकर आम आदमी पार्टी भी सक्रिय हो गई है और यह भी जानकारी मिल रही है कि 'आप' पाटीदारों को अपने पक्ष में लाने के लिए हार्दिक पटेल को अपना चेहरा बनाने की तैयारी कर रही है। ऐसे में हार्दिक पटेल का कांग्रेस छोड़कर आप में शामिल होना कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी।
पाटीदार आरक्षण आंदोलन के युवा और आक्रामक नेता माने जाने वाले हार्दिक फिलहाल गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हैं। हालांकि कांग्रेस में शामिल होने के बाद उन्हें कुछ हासिल नहीं हुआ। कई कांग्रेसी हार्दिक को निकाय चुनावों में कांग्रेस के क्लीन स्वीप का कारण मानते हैं। यह पाटीदार समुदाय और हार्दिक के लिए चिंता का विषय बन गया। पाटीदार नेताओं का यह भी मानना है कि भाजपा अब उन्हें विशेष महत्व नहीं देती। इन्हीं सब बातों के चलते हार्दिक के आम आदमी पार्टी से जुड़ने की चर्चा है।
पाटीदारों ने पिछले साल निकाय चुनावों में सूरत में 27 सीटें जीतने में आप की मदद की थी। लेकिन, पाटीदारों का मानना है कि उनके समाज में कोई न कोई बड़ा चेहरा जरूर होगा। पाटीदार आरक्षण के एक और बड़े नेता गोपाल इटालिया आप में शामिल हो गए हैं, लेकिन पाटीदार समाज के कई नेता उन्हें प्रभावी नहीं मानते हैं। ऐसे में पाटीदार नेताओं ने हार्दिक को अपना नेता बनाकर बीजेपी और कांग्रेस को घेरने की रणनीति बनाना शुरू कर दिया है।
गुजरात में हुए स्थानीय निकाय चुनाव में सूरत में आम आदमी पार्टी को बड़ी सफलता मिली है और उसने विपक्ष में कांग्रेस की जगह ली है। आप ने 2017 का विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए एक संगठन बनाया था, लेकिन उसे सफलता नहीं मिली। इससे सबक लेते हुए आप की कोर कमेटी ने फैसला किया कि सक्रिय और आक्रामक युवाओं को पार्टी में शामिल कर उन्हें अपना चेहरा बनाया जाए। इसी के चलते नगर निकाय चुनाव से पहले गोपाल इटालिया को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया और सूरत में भी आप को सफलता मिली और अब वह पाटीदार आरक्षण नेता हार्दिक पटेल को अपने पाले में लाने की तैयारी कर रही है।