कैप्टन अमरिंदर सिंह को सीएम की कुर्सी से हटाए जाने के बाद पंजाब में कांग्रेस की राजनीति अजीबोगरीब रंग दिखा रही है। सबसे चर्चित मामला कैप्टन संदीप संधू और मंत्री परगट सिंह का है। संदीप संधू अपने सीएम के समय में अमरिंदर सिंह के सलाहकार रहे हैं। वहीं परगट सिंह ने कैप्टन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। तब परगट ने खुलेआम आरोप लगाया था कि कैप्टन संदीप संधू ने उन्हें धमकी दी थी। अब परगट उनके समर्थन में रैली करने लुधियाना के दाखा विधानसभा क्षेत्र पहुंचे।
अमरिंदर सिंह के सीएम रहते हुए परगट सिंह ने ढाई साल तक उनके खिलाफ मोर्चा संभाला। परगट ने अमरिंदर के खिलाफ कई पत्र लिखे और खुलकर बयान भी दिए। जैसे ही अमरिंदर के खिलाफ बगावत तेज हुई, परगट ने एक दिन यह कहकर उन्हें चौंका दिया कि उन्हें धमकी दी गई है। कैप्टन अमरिंदर सिंह के सलाहकार कैप्टन संदीप संधू ने उन्हें जान से मारने की धमकी दी है। कैप्टन संधू को अमरिंदर का करीबी माना जाता था। हालांकि संधू ने तब कोई प्रतिक्रिया नहीं दी थी।
जब अमरिंदर सिंह ने सीएम की कुर्सी छोड़ी तो संदीप संधू ने भी इस्तीफा दे दिया। राजनीतिक चर्चा यह थी कि संधू अपने कठिन समय में अमरिंदर सिंह के साथ रहेंगे। खासकर तब जब अमरिंदर नई पार्टी बनाने वाले हों। हालांकि, दो दिन पहले संधू अचानक हैरान रह गए। उन्हें पंजाब के डिप्टी सीएम सुखजिंदर रंधावा के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में देखा गया था। हालांकि संधू ने वहां कुछ नहीं कहा। इसके बाद परगट सिंह अपने क्षेत्र में रैली करने पहुंच गए।
परगट सिंह ने रैली में कहा कि कैप्टन संदीप संधू किसी व्यवस्था से बंधे हुए थे, इसलिए वह यही बात कहते थे। साफ है कि वह अमरिंदर सिंह के सलाहकार होने की ओर इशारा कर रहे थे। परगट ने कहा कि संधू का दिल भी पंजाब के लिए धड़कता था। कभी-कभी सामने से कुछ अलग लगता है और होता कुछ अलग है। उन्होंने संधू को कैप्टन अमरिंदर सिंह के ग्रुप से अपने ग्रुप में शामिल होने की वजह भी बताई।
परगट यहां भी अमरिंदर को निशाना बनाने से नहीं चूके। उन्होंने कहा कि मैं ढाई साल से कह रहा हूं कि अमरिंदर बीजेपी के एजेंडे को लागू करते हैं और सुखबीर बादल इसका समर्थन करते हैं। कृषि कानून बनाने में भी अमरिंदर और बादल का हाथ है।