डेस्क न्यूज़- गुड़ामालानी विधायक हेमाराम चौधरी ने मंगलवार को विधायक पद से अपना इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी को भेज दिया। इसके बाद राजस्थान की सियासत में हड़कंप मच गया। एक के बाद एक पक्ष और विपक्ष के नेताओं के बयान आने लगे। वे पहली बार मीडिया से मिले, खुलकर नहीं बोले, लेकिन शब्दों में नरमी दिखी। उन्होंने कहा कि मुझे विधायक होने में कुछ दर्द हुआ, जिसके चलते मैंने इस्तीफा भेज दिया।
अब विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी को इस्तीफे पर जो करना
है, उनको करना है। हमारे पार्टी प्रमुख और प्रदेश अध्यक्ष गोविंद
सिंह डोटासरा से भी बातचीत हुई है। मुझे पारिवारिक मामला
बताते हुए घर में सुलझाने की बात कही। परिवार का मुखिया परिवार का मुखिया होता है। अब सुलझाना उनका काम है।
इस इस्तीफे से ज्यादा महत्वपूर्ण मौजूदा वैश्विक महामारी है। ऐसे में लोग मर रहे हैं, मेरी प्राथमिकता इस महामारी में लोगों का साथ देना है। इसी वजह से अपने इलाके के कोविड सेंटर, सीएचसी और पीएचसी में गया। इस्तीफे के बारे में क्या करना है, यह हाईकमान को तय करना है।
इस्तीफे के बीच विधायक हेमाराम चौधरी ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखा। कोरोना की दूसरी लहर में अब तक कई कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत हो चुकी है। परिवार में कमाने वालों की मौत हो गई जिस वजह से उनके परिवार आर्थिक मार झेल रहे हैं। डॉक्टरों ने इन मरीजों को बचाने के लिए बहुत प्रयास किए लेकिन इन मरीजों को बचाने में सफल रहे, लेकिन अब वे उनके परिवार को 2-2 लाख रुपये की सहायता दे सकते हैं। इस राशि से मृतक के परिवार का भरण-पोषण होगा। इसकी मांग करते हुए मैंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था। मुझे उम्मीद है कि सरकार इन लोगों की मदद जरूर करेगी।
हेमाराम चौधरी अपने इस्तीफे के तीसरे दिन शुक्रवार को पूरे दिन गुडामालानी विधानसभा क्षेत्र में रहे। विधायक ने कोविड माहमारी को देखते हुए पीएचसी, सीएचसी और कोविड केंद्रों का निरीक्षण किया। कोविड केंद्रों में भर्ती मरीजों से मुलाकात की और स्वास्थ्य की जानकारी ली। सेंटर में जो भी कमियां थीं, उन्हें कैसे दूर किया जाए, यह जानना जरूरी था। अधिकारियों और डॉक्टरों से फीडबैक लिया। रेमडेसिविर इंजेक्शन व ऑक्सीजन को लेकर जिला कलेक्टर से बात कर व्यवस्था की गई।