मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गलत तरीके से पैसा कमाने वाले निजी स्कूलों और अस्पतालों पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र प्रॉफिट वाला नहीं है। इसमें कोई धंधा नहीं होना चाहिए। यह समाज सेवा का कार्य है। जो लोग इसमें लाभ कमाते हैं, वे गलत काम करते हैं। स्वास्थ्य, शिक्षा में पैसा नहीं कमा सकते, लेकिन पिछले दरवाजे से कमाई का रास्ता खोज लेते हैं। गहलोत शनिवार को भगवान महावीर कैंसर अस्पताल के 25वें स्थापना दिवस पर कैंसर देखभाल भवन के शिलान्यास समारोह में बोल रहे थे।
गहलोत ने कहा कि अस्पताल चलाने वालों को यह स्पष्ट करना चाहिए कि वे जो मुनाफा कमाते हैं उसका इस्तेमाल अस्पताल के विस्तार के लिए ही किया जाता है। देश में कई बड़े अस्पताल हैं। कई अच्छा काम कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर कई अस्पतालों में इलाज का खर्चा भी ज्यादा है। इस देश में संस्कार ऐसे हैं कि बूढ़े मां-बाप को कैंसर होने के बाद भी लोग सब कुछ बेचकर इलाज करवाते हैं। कई बड़े अस्पतालों के बिल लाखों में होता हैं।
गहलोत ने आगे कहा कि कोरोना ने बड़े अस्पतालों का पर्दाफाश किया है, गलत काम करने वाले अस्पतालों की पोल खोल दी है। पैसे वाले लोगों को पता चल गया कि पैसा ही सब कुछ नहीं है। मुंबई, बैंगलोर में पैसे वाले लोग कहने लगे कि हम भिखारी बन गए, अस्पतालों में एक बेड तक नहीं मिला। जहां-जहां निजी अस्पताल खड़े हुए, हर जगह यही हाल रहा। राजस्थान में ऐसा नहीं हुआ। हमने निजी अस्पतालों को अनुमति दी है, लेकिन साथ में सरकारी क्षेत्र में हमारे पास पूरी तरह से विकसित अस्पताल हैं। आज लोग निजी अस्पताल से एसएमएस अस्पताल की ओर जा रहे हैं। कुछ कमियां जरूर है, जिन्हें दूर करना होगा।