प्रधानमंत्री मोदी ने मन की बात में मिल्खा सिंह को किया याद, जब बात टोक्यो ओलंपिक की आती है तो मिल्खा सिंह को कौन भूल सकता है

सरकार के 7 साल पूरे होने पर उन्होंने कहा था कि इन 7 सालों में देश के कई पुराने विवाद भी पूरी शांति और सौहार्द के साथ सुलझाए गए हैं, पूर्वोत्तर से लेकर कश्मीर तक शांति और विकास की नई उम्मीद जगी है
प्रधानमंत्री मोदी ने मन की बात में मिल्खा सिंह को किया याद, जब बात टोक्यो ओलंपिक की आती है तो मिल्खा सिंह को कौन भूल सकता है

डेस्क न्यूज़- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज रेडियो पर मन की बात कार्यक्रम के जरिए देश को संबोधित किया, मोदी सरकार 2.0 के इस कार्यक्रम का यह 25वां और कुल 78वां एपिसोड है, प्रधानमंत्री ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा, जब बात टोक्यो ओलंपिक की आती है तो मिल्खा सिंह जी जैसे महान एथलीट को कौन भूल सकता है, कुछ दिन पहले कोरोना ने उन्हें हमसे दूर कर दिया।

जब वह अस्पताल में थे तो उनसे बात करने का मौका मिला- मोदी

उन्होंने आगे कहा कि जब वह अस्पताल में थे तो मुझे उनसे बात करने का मौका मिला, उनसे बात करते हुए मैंने उनसे आग्रह किया, मैंने कहा था कि आपने 1964 के टोक्यो ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व किया था, इसलिए इस बार जब हमारे खिलाड़ी ओलंपिक के लिए टोक्यो जा रहे हैं, तो आपको हमारे एथलीटों का मनोबल बढ़ाना होगा, उन्हें अपने संदेश से प्रेरित करना होगा।

हमें ढिलाई बरतने की जरूरत नहीं है, यही हमारी जीत का रास्ता है

इससे पहले 30 मई को मोदी ने मन की बात कार्यक्रम को संबोधित किया था, उस वक्त प्रधानमंत्री ने कोरोना की दूसरी लहर से जीतने का तरीका बताया था, उन्होंने कहा था कि हमने पहली लहर में भी पूरे जोश के साथ लड़ाई लड़ी थी, इस बार भी भारत वायरस के खिलाफ जारी लड़ाई में विजयी होगा, दो गज की दूरी से जुड़े नियम हों, मास्क हों या टीके, हमें ढिलाई बरतने की जरूरत नहीं है, यही हमारी जीत का रास्ता है।

भारत सेवा और सहयोग के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है

प्रधानमंत्री ने कहा था कि कोरोना के रूप में इतना बड़ा टेस्ट लगातार चल रहा है, इस वैश्विक महामारी के बीच भारत सेवा और सहयोग के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है, अपनी सरकार के 7 साल पूरे होने पर उन्होंने कहा था कि इन 7 सालों में देश के कई पुराने विवाद भी पूरी शांति और सौहार्द के साथ सुलझाए गए हैं, पूर्वोत्तर से लेकर कश्मीर तक शांति और विकास की नई उम्मीद जगी है।

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