जेवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा ने टोक्यो ओलिंपिक में भारत के लिए इकलौता गोल्ड मेडल जीता। नीरज ने जेवलिन थ्रो के फाइनल में अपने पहले प्रयास में 87.03 मीटर का थ्रो किया। उनका दूसरा थ्रो 87.58 मीटर का रहा। कोई अन्य एथलीट उनके पहले थ्रो के आस-पास भी नहीं आ पाया।
हालांकि, अब नीरज का कहना है उन्होंने पहला थ्रो जल्दबाजी में किया था। नीरज ने कहा- फाइनल शुरू होने वाला था और मुझे अपना जेवलिन नहीं मिल रहा था। तभी मैंने देखा कि मेरा जेवलिन पाकिस्तानी थ्रोअर अरशद नदीम के हाथों में है। फिर मैंने उससे जेवलिन ली और जल्दबाजी में थ्रो किया।
नीरज का जेवलिन नदीम के हाथ में होने की खबर अब सामने आई है तो लोग यह कहने में लग गए हैं कि पाकिस्तानी एथलीट ने जानबूझ कर ऐसा किया होगा।
इस पर नीरज ने कहा है कि अरशद नदीम ने किसी नियम को नहीं तोड़ा। उन्होंने जो कुछ किया नियम के दायरे में किया।
नीरज ने ट्वीट किया- मेरी आप सभी से विनती है की मेरे कमेंट्स को अपने गंदे एजेंडा को आगे बढ़ाने का माध्यम न बनाए। खेल हम सबको एकजूट होकर साथ रहना सिखाता हैं और कमेंट करने से पहले खेल के रूल्स जानना जरूरी होता है।' नीरज ने ट्वीट में वीडियो भी शेयर किया है।
नीरज और अशरफ लंबे समय से एक-दूसरे के प्रतिद्वंद्वी रहे हैं। इसके बावजूद वे एक-दूसरे का सम्मान भी करते हैं। 2018 एशियन गेम्स में भी दोनों आमने-सामने हुए थे। तब नीरज ने गोल्ड जीता था और अशरफ ने ब्रॉन्ज। टोक्यो ओलिंपिक में अरशद नदीम पांचवें स्थान पर रहे थे।