नए आईटी नियम: रविशंकर बोले- सोशल मीडिया का दुरुपयोग रोकने के लिए हैं, यूजर्स को डरने की जरूरत नहीं

केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने गुरुवार को स्पष्ट किया कि सोशल मीडिया के नए नियम केवल दुरुपयोग रोकने के लिए बनाए गए हैं। इससे यूजर्स की निजता को किसी प्रकार का खतरा नहीं है। बता दें कि व्हॉट्सएप ने इन आईटी नियमों को अदालत में चुनौती दी है। इसके बाद केंद्रीय मंत्री ने बयान जारी किया है
नए आईटी नियम: रविशंकर बोले- सोशल मीडिया का दुरुपयोग रोकने के लिए हैं, यूजर्स को डरने की जरूरत नहीं

केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने गुरुवार को स्पष्ट किया कि सोशल मीडिया के नए नियम केवल दुरुपयोग रोकने के लिए बनाए गए हैं। इससे यूजर्स की निजता को किसी प्रकार का खतरा नहीं है। बता दें कि व्हॉट्सएप ने इन आईटी नियमों को अदालत में चुनौती दी है। इसके बाद केंद्रीय मंत्री ने बयान जारी किया है।

केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने स्पष्ट किया कि सोशल मीडिया के नए नियम केवल दुरुपयोग रोकने के लिए बनाए गए हैं

केंद्र सरकार ने सोशल मीडिया कंपनियों की जिम्मेदारी और जवाबदेही तय

करने के लिए नए आईटी नियम जारी किए थे, जो 25 मई से प्रभावी हो गए हैं।

इसे लेकर फेसबुक के मालिकाना हक वाले मैसेजिंग एप व्हाट्सएप ने भारत

सरकार के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की है।

याचिका में कहा गया कि नए नियम असंवैधानिक हैं।

ये नियम आईटी नियम निजता के अधिकार का उल्लंघन करते हैं।

ऐसे में इन्हें लागू किए जाने से रोका जाना चाहिए।

रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सरकार निजता के अधिकार को पूरी तरह मानती है और उसका सम्मान करती है

रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सरकार निजता के अधिकार को पूरी तरह मानती है और उसका सम्मान करती है। नए आईटी नियम सोशल मीडिया के दुरुपयोग को रोकने के लिए बनाए गए हैं। इनसे व्हाट्सएप या अन्य सोशल मीडिया यूजर्स को डरने की आवश्यकता नहीं है। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सवाल पूछने के अधिकार सहित आलोचनाओं का स्वागत करती है। नए आईटी नियम सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं को सशक्त बनाएंगे।

क्या कहते हैं नए नियम?

सोशल मीडिया कंपनियों के लिए हर मैसेज के स्रोत का पता लगाना अनिवार्य रहेगा।

अधिकृत एजेंसियों की आपत्ति के 36 घंटे के भीतर आपत्तिजनक सामग्री हटानी पड़ेगी।

अश्लील पोस्ट के अलावा उस तस्वीरों को शिकायत मिलने के 24 घंटे के अंदर हटाना होगा, जिनसे छेड़छाड़ की गई है।

कंपनियों को देश में मुख्य अनुपालन अधिकारी, नोडल अधिकारी और शिकायत निवारण अधिकारी नियुक्त करना पड़ेगा।

देश की सुरक्षा-संप्रभुता, कानून व्यवस्था को नुकसान पहुंचानी वाली सामग्री का स्रोत बताना पड़ेगा

नए आईटी नियम के तहत सोशल मीडिया कंपनियों को एक मासिक रिपोर्ट प्रकाशित करनी होगी, जिसमें प्राप्त शिकायतों, उनमें की गई कार्रवाई और मंच से हटाई/प्रतिबंधित की गई सामग्री का ब्योरा देना अनिवार्य रहेगा। इसके साथ ही कंपनियों को अपनी वेबसाइट या एप या फिर दोनों पर भारत में संपर्क का पता देना होगा। देश की सुरक्षा-संप्रभुता, कानून व्यवस्था को नुकसान पहुंचानी वाली सामग्री का स्रोत बताना पड़ेगा।

नए आईटी नियमों पर अमल नहीं करनी वाली कंपनियों को अपना 'मध्यस्थ' का दर्जा खोना पड़ेगा। यह दर्जा कंपनियों को तीसरे पक्ष की ओर से जारी सामग्री/डाटा की जवाबदेही से छूट मुहैया करता है। इससे एप पर जारी होने वाली हर सामग्री का स्रोत संबंधित सोशल मीडिया कंपनी को ही माना जाएगा। यही नहीं, साइट पर आपत्तिजनक सामग्री के प्रसार की कानूनी जवाबदेही भी संबंधित कंपनी की ही होगी। प्रकाशक के रूप में कोई भी सामग्री जारी होने से पहले कंपनियों को उसमें जरूरी काट-छांट करनी पड़ेगी।

सोशल मीडिया कंपनियों का रुख

व्हॉट्सएप ने इन नियमों को अदालत में चुनौती दी है, जबकि फेसबुक-गूगल ने अमल करने का भरोसा तो दिलाया है, लेकिन इसकी समयसीमा नहीं घोषित की है। वहीं, ट्विटर ने फिलहाल अपने पत्ते नहीं खोले हैं। जानकारों का कहना है कि कंपनियां नए नियमों में कुछ बदलाव चाहती हैं। वे इनके क्रियान्वयन के लिए छह महीने की मोहलत देने की भी पक्षधर हैं।

Like and Follow us on :

Related Stories

No stories found.
logo
Since independence
hindi.sinceindependence.com