एक तो कोरोना ऊपर से बिन मौसम बरसात.. किसान का दर्द ना भगवान सुन रहा है ना सरकार

जिसके कारण तापमान से दिनों में पांच डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट दर्ज की गई है।
एक तो कोरोना ऊपर से बिन मौसम बरसात.. किसान का दर्द ना भगवान सुन रहा है ना सरकार
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न्यूज – मौसम विभाग के अनुसार एक से 27 मार्च के बीच बिहार में 638 फीसदी प्रतिशत और झारखंड में 637 प्रतिशत सात गुना तक, यूपी में सामान्य से 534 प्रतिशत, दिल्ली में 452 प्रतिशत, हरियाणा में 449 प्रतिशत, राजस्थान में 224 प्रतिशत, पंजाब में 230 प्रतिशत, मध्यप्रदेश में 208 प्रतिशत, उत्तराखंड में 121 प्रतिशत तक ज्यादा बारिश हुई है।

मार्च के आखिरी दिनों में अमूमन गर्मी बढ़ने लगती है लेकिन देश में मौसम ने अपना मिजाज बदला हुआ है। लॉकडाउन की वजह से घर के अंदर बंद लोग मौसम के इस मिजाज को देखकर हैरान हैं, मार्च में लगातार आ रहे पश्चिमी विक्षोभ और चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बनने से इस बार उत्तर से मध्य भारत के सभी राज्यों में सामान्य से सात गुना ज्यादा बारिश दर्ज की गई है।

गुरुवार रात और शुक्रवार को हरियाणा पंजाब, राजस्थान, मध्य प्रदेश, दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, गुजरात और उत्तरी महाराष्ट्र में बारिश दर्ज की गई। इसके अलावा कहीं-कहीं ओले भी पड़े। वहीं पहाड़ी राज्यों जैसे जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में बर्फबारी हुई। मैदानी जिलों जैसे पौड़ी, देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल और ऊधमसिंह नगर में 50 से 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से धूल भरी आंधी चली।

जम्मू-कश्मीर में स्थित विश्व प्रसिद्ध स्की स्थल गुलमर्ग और ऊपरी इलाकों में काफी बर्फबारी हुई। कश्मीर घाटी में बारिश होने से वहां सर्दी बढ़ गई है। बेमौसम बारिश और ओले के कारण राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश हित कई राज्यों में गेहूं, चना, सरसों, धनिया समेत रबी मौसम की फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है।

राजस्थान के उदयपुर, कोटा, चित्तौड़गढ़ और जैसलमेर में शुक्रवार को 27 मिलीमीटर तक बारिश हुई। गुजरात के अहमदाबाद, गांधीनगर और भुज में 9 मिलीमीटर तक बारिश दर्ज की गई। मौसम विभाग के अनुसार 28 मार्च को पश्चिमी विक्षोभ आगे निकल जाएगा। जिससे चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र कमजोर होगा। इसके बाद राजस्थान और गुजरात में मौसम साफ होने लगेगा।

मौसम वेबसाइट स्काईमेट के वैज्ञानिक ने बताया कि आमतौर पर मार्च में इतने अधिक पश्चिमी विक्षोभ नहीं आते और बारिश भी कम होती है। लेकिन इस बार चार मजबूत पश्चिमी विक्षोभ आए हैं।

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