न्यूज – पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर शाहिद अफरीदी शुक्रवार को पीओके के मुजफ्फराबाद में हुई रैली में एक बार फिर कश्मीर को लेकर जज्बाती हो गए। प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ यहां पर एक रैली में बोलते हुए शाहिद ने अपने दादा का जिक्र तक कर डाला।
शाहिद ने 30 अगस्त को कराची में दिए भाषण को ही दोहराया। शाहिद अफरीदी ने अपने दादा का तो जिक्र किया लेकिन अपने उस चचेरे भाई का जिक्र करना भूल गए जिसे बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (बीएसएफ) ने एनकाउंटर में ढेर किया था। इसके अलावा अफरीदी अगर कश्मीर के लिए भावुक होते हैं तो उसकी कहानी सन् 1947 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए बंटवारे से भी जुड़ी है।
शाहिद के लिए कश्मीर एक व्यक्तिगत मसला है। अफरीदी के पूरे खानदान को कश्मीर में आतंकवाद के लिए जिम्मेदार माना जाता है। शाहिद और कश्मीर की कहानी सितंबर 2003 से जुड़ी हुई है। सात सितंबर 2003 को शाहिद के एक चचेरे भाई को बीएसएफ ने दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग में एनकाउंटर में ढेर किया था।
कई घंटों तक चली मुठभेड़ के बाद मारे गए आतंकी की पहचान शाकिब के तौर पर हुई थी। शाकिब, शाहिद का फर्स्ट कजिन था। एनकाउंटर के बाद बीएसएफ ने बताया था कि शाकिब, हरकत-उल-अंसार का बटालियन कमांडर था और बाद में इसी संगठन को लश्कर-ए-तैयबा में मिला लिया गया था।