गुजरात की एक दंपती ने क्राउड फंडिंग के जरिए अपने पांच महीने के बेटे की दुर्लभ बीमारी के इलाज के लिए 16 करोड़ रुपये जुटा लिए वह भी लगभग एक महीने में। इनके बेटे को स्पाइनल मस्क्युलर अट्रॉफी है जो एक दुर्लभ आनुवंशिक रोग है। इस बच्चे को बुधवार को मुंबई के एक प्राइवेट अस्पताल में यह इंजेक्शन लगाया गया।
बच्चे के पिता राजदीप सिंह राठौड़ ने बताया कि उन्होंने अपनी
पत्नी जिनलबा के साथ मिलकर बेटे धैर्यराज के इलाज के लिए 42
दिन में यह पैसा जुटा लिया। इसके लिए उन्होंने तमाम दानकार्तओं
को धन्यवाद दिया। जीन थेरपी का यह इंजेक्शन स्विट्जरलैंड की
फार्मा कंपनी नोवार्टिस से मिला। भारत सरकार ने इस पर लगने वाली
6.5 करोड़ रुपयों की ड्यूटी माफ करके इनकी राह और आसान कर दी।
गुजरात के महिसागर जिले के एक गांव में रहने वाले राजदीप सिंह ने बताया कि बच्चे के एक महीने के जन्म के बाद जब उन्हें लगा कि वह अपने हाथ-पैर नहीं चला रहा है तो उसकी जांच कराई। जांच में पता चलाकि उसे स्पाइनल मस्क्युलर अट्रॉफी टाइप-1 है। इसमें शरीर की मांसपेशियां काम करना बंद कर देती हैं और रोगी सांस भी नहीं ले पाता। डॉक्टरों ने उन्हें आगाह किया कि यह बच्चे के लिए जानलेवा साबित हो सकती है।
इसका एक ही इलाज था केवल एक बार लगने वाला Zolgensma इंजेक्शन। प्राइवेट कंपनी में काम करने वाले राजदीप के पास इतने पैसे नहीं थे। लिहाजा उन्होंने एक क्राउड फंडिंग प्लेटफॉर्म की मदद लेकर पैसे जुटा लिए। अब उम्मीद है कि उनका बेटा ठीक हो जाएगा।