न्यूज – सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है जिसमें कांग्रेस पार्टी और चीन की कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा 2008 के समझौतों की एनआईए या सीबीआई जांच की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि समझौते के तहत ये तय हुआ है कि दोनों पार्टी हाई लेवल का कोऑपरेशन और बातचीत कर सकते हैं।
सुप्रीम कोर्ट में एक वकील और एक पत्रकार की ओर से ये याचिका दाखिल की गई है और कहा गया है कि दोनों पार्टियों के बीच जो समझौता हुआ है उसकी एमओयू की डिटेल अभी तक उजागर नहीं हुई है । याचिका में कहा गया है कि मामले में पार्दर्शिता जरूरी है। 7 अगस्त 2008 को बीजिंग में हुए समझौते के तहत एमओयू साइन हुए हैं जिसमें तय हुआ है कि दोनों पार्टी एमओयू के तहत क्षेत्रिय, द्विपक्षीय और अंतरराष्ट्रीय मसले पर एक दूसरे से बात करेंगे।
भारत और चीन के बीच सीमा को लेकर हुए विवाद के बीच यह याचिका लगाई गई है। याचिका में मीडिया रिपोर्ट का हवाला दिया गया जिसमें कहा गया है कि 2008 से लेकर 2013 के बीच चीन सीमा से करीब 6 सौ बार घुसपैठ की घटनाएं हुई ऐसे में एग्रीमेंट को पब्लिक किया जाए। याचिका में कहा गया कि दोनों देशों में दुश्मनी है फिर भी कांग्रेस ने ऐसा समझौता किया।
इस एमओयू पर राहुल गांधी और चीन की कम्युनिस्ट पार्टी में अंतरराष्ट्रीय मामलों के मंत्री वांग जिया रुई ने हस्ताक्षर किए थे। इस मौके पर सोनिया गांधी और चीन के तत्कालीन उपराष्ट्रपति शी जिनपिंग उपस्थित थे। इस एमओयू को ग्रेट हॉल ऑफ चाइना में हस्ताक्षर किए गए थे। इस समझौते के बाद ही सोनिया गांधी ने चीन के लोगों की तारीफ करते हुए यह बयान दिया कि उन्होंने ओलंपिक खेल सफल बनाने के लिए काफी मेहनत की। सोनिया गांधी की करीब आधे घंटे तक शी जिनपिंग और सीपीसी के जनरल सेक्रटरी हूजिंताओ के साथ भी बैठक हुई थी। बैठक में उस दौरान राहुल गांधी भी मौजूद थे।
चीन के साथ चल रहे सीमा विवाद पर कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के हमलों का सामना कर रही भाजपा ने चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के साथ कांग्रेस के संबंध को अब बड़ा मुद्दा बना लिया है। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कांग्रेस पर आरोप लगाया है कि कांग्रेस और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के बीच हुए इसी समझौते के कारण मनमोहन सिंह ने चीन को हजारों वर्ग किलोमीटर जमीन यूं ही दे दी थी। उन्होंने कहा कि जब डोकलाम हुआ तो राहुल गांधी भी भारत में चीनी राजदूत से मिलने चीनी दूतावास में चले गए थे। यह बात उन्होंने छुपाने की भी कोशिश की थी।
नड्डा ने ट्वीट में यह कहा कि पहले, कांग्रेस चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करती है। फिर, कांग्रेस चीन को भारत की भूमि सौंप देती है। फिर डोकलाम मुद्दे के दौरान, कांग्रेस के राहुल गांधी गुपचुप तरीके से चीनी दूतावास जाते हैं। नाजुक स्थितियों के दौरान, राहुल गांधी राष्ट्र को विभाजित करते हैं और सशस्त्र बलों का मनोबल गिराने की कोशिश करते हैं। क्या ये सब उस एमओयू का प्रभाव है?'
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