देर रात किया ट्वीट: आचार्य प्रमोद कृष्णन का मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर तंज, 'इस्तीफे की धमकी देना आलाकमान को ब्लैकमेल करने जैसा'

पायलट और आचार्य प्रमोद कृष्णन उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में कई बार एक मंच पर नजर आ चुके हैं, दोनों के बीच घनिष्ठ संबंध भी हैं।
Gehlot: मेरा इस्तीफा तो परमानेंट सोनिया गांधी के पास है जिस दिन आलाकमान चाहेंगे उस दिन सीएम का चेहरा बदल जाएगा
Gehlot: मेरा इस्तीफा तो परमानेंट सोनिया गांधी के पास है जिस दिन आलाकमान चाहेंगे उस दिन सीएम का चेहरा बदल जाएगा
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राजस्थान में विधानसभा चुनाव नजदीक है। कांग्रेस पार्टी के सभी बड़े दिग्गज नेता भी अब अपनी कमर कस रहे हैं। गौरतलब है कि कांग्रेस का राजस्थान के उदयपुर में चिंतन शिविर होने जा रहा है। वही पायलट की सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद CM. गहलोत ने पुराने घाव को फिर से खरोदा और पायलट की बगावत को याद किया तो बार - बार इस्तीफे की अफवाह पर भी अपनी चुप्पी तोड़ी कहा मेरा इस्तीफा हमेशा सोनिया गांधी के पास रहता है, अफवाहों पर ना दें ध्यान।

गहलोत के इस बयान के बाद प्रियंका गांधी के करीबी प्रमोद कृष्णन ने देर रात ट्वीट करके मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधा, कहा 'इस्तीफे की धमकी देना आलाकमान को ब्लैकमेल करने जैसा' ट्वीट में बिना गहलोत का नाम लिए गहलोत पर तंज था। गौरतलब है की आचार्य ने कई बार सोशल मीडिया से पायलट के फेवर में ट्वीट किये है। कई बार आचार्य प्रमोद कृष्णन सचिन पायलट को राजस्थान का मुख्यमंत्री बनाने की मांग सोशल मीडिया पर उठा चुके हैं। साथ ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर भी कई बार ट्वीट करके निशाना साध चुके हैं। सचिन पायलट और आचार्य प्रमोद कृष्णन उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में कई बार एक मंच पर नजर आ चुके हैं, दोनों के बीच घनिष्ठ संबंध भी हैं।

 विधायकों को 10-10 करोड़ के ऑफर थे लेकिन विधायक बिके नहीं और मेरे साथ ही खड़े रहे, इसलिए सरकार बच गई
विधायकों को 10-10 करोड़ के ऑफर थे लेकिन विधायक बिके नहीं और मेरे साथ ही खड़े रहे, इसलिए सरकार बच गई

कांग्रेस ने कई जगह बनी -बनाई सरकार गवाई

एक नजर देश में कांग्रेस की स्थिति पर डाले तो पिछले कुछ वर्षों में कांग्रेस ने कई राज्यों में बनी-बनाई सरकार गंवाई। एमपी और कनार्टक में कांग्रेस सरकार से हाथ धो बैठी। वहीं गोवा में सबसे बड़ी पार्टी हाेने के बावजूद कांग्रेस 2017 में सरकार नहीं बना सकी। राजस्थान में 2020 में राजस्थान में भी कांग्रेस सरकार पर संकट आए। मगर आखिरकार अशोक गहलोत कांग्रेस को इस संकट से उबारने में सफल रहे।

गहलोत ने अपने संबोधन में विधायकों की खरीद - फरोख्त का किया जिक्र

मेरा इस्तीफा तो परमानेंट सोनिया गांधी के पास है जिस दिन आलाकमान चाहेंगे उस दिन सीएम का चेहरा बदल जाएगा' जब सीएम का चेहरा बदलने की बात आएगी तो किसी को कानों कान खबर भी नहीं होगी।

साथ ही मुख्यमंत्री ने यह भी कहा था कि वह राजनीति में बेहद मजबूत है अगर राजनीति में मजबूत नहीं होते तो तीसरी बार सीएम नहीं बनते। इससे पहले भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने नौकरशाहों के कार्यक्रम में सियासी संकट और बाड़ाबंदी का जिक्र करते हुए कहा था कि सरकार को 34 दिन बाड़ाबंदी में रहना पड़ा। विधायकों को 10-10 करोड़ के ऑफर थे लेकिन विधायक बिके नहीं और मेरे साथ ही खड़े रहे, इसलिए सरकार बच गई।

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