पंजाब चुनाव का मतदान कल होना है, प्रचार थम चुका है। मतदाता अपने मत का प्रयोग करने को लेकर उत्सुक है। पंजाब चुनाव के मतदान से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने सिख संतों से मुलाकात करते हुए करतारपुर कॉरिडोर का जिक्र किया तथा संतों की तारीफ भी की।
प्रधानमंत्री मोदी की इस मुलाकात के बारे में बताया जा रहा है कि मोदी ने खुद सिख संतों को आमंत्रित किया था। इस मौके पर सिख संतों ने दिल खोलकर अपनी बात कहीं।
इस खास मुलाकात के दौरान कई मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई। इसी बीच प्रधानमंत्री मोदी सिख संस्कृति का खासा सम्मान करते दिखे, मोदी बार-बार दी जा रही भेंट को जमीन से छूने नहीं देने की बात कह रहे थे।
उन्होंने ये भी कहा कि जब भी सिख संतों के चरण किसी के जीवन में पड़ जाते है तो उनका धन्य हो जाना लाजिमी हो जाता है। पीएम मोदी ने इस बात पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि उनके एक बुलावे पर सिख समुदाय के तमाम संत उनके निवास पर आए।
मुलाकात के दौरान पीएम ने जोर देकर कहा कि ये देश कोई 1947 में नहीं बना है, बल्कि कई महान संतों ने इसे बनाया है, उनका अहम योगदान रहा है।
उन्होंने कहा कि उनका तो पंजाब से खून का रिश्ता है। उन्होंने बताया कि गुरुगोविंद सिंह के जो पहले पंचप्यारे थे, उनमें से एक गुजरात से थे। इसके बाद मुलाकात के दौरान पीएम मोदी ने संत समाज के सामने करतारपुर कॉरिडोर का मुद्दा उठाया।
उन्होंने कहा कि जिस जगह पर गुरुनानक जी के जीवन का सबसे ज्यादा समय बीता, उस जगह पर ना जा पाना काफी दुखद था।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस मुलाकात की फोटो शेयर करते हुए ट्वीट किया कि आज सुबह मैं संत समाज और सिख समुदाय के बहुत से लोगों से मिला। ये विशिष्ट व्यक्ति है जो सिख संस्कृति को लोकप्रिय बनाने और समाज की सेवा करने में सबसे आगे है।
मोदी की इस मुलाकात को सियासी तरीके से देखा जा रहा है क्योंकि यह मुलाकात पंजाब चुनाव से पहले की गई है। इसमें उन्होंने किसान आंदोलन की वजह से नाराज सिखों के एक तबके से दूरियां कम करने की कोशिश की गई है।