राजस्थान सरकार अब मनरेगा को लेकर काफी सक्रीय नजर आ रही है। पंचायती राज मंत्री रमेश चन्द मीना ने कहा कि महात्मा गांधी नरेगा योजना के तहत सभी श्रमिकों की मोबाइल मॉनिटरिंग सिस्टम पर ऑनलाईन उपस्थिति दर्ज की जा रही है लेकिन 16 जिलों में इस सिस्टम पर उपस्थिति अभी भी 50 प्रतिशत से कम हो रही है। उन्होंने इन जिलों के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं विकास अधिकारियों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही करने एवं योजना के तहत जारी जॉब कार्ड के अपडेशन के लिए विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए है। मंत्री रमेश मीना मनरेगा के कार्य को लेकर सजग नजर आए।
मीना इंदिरा गांधी पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास संस्थान में आयोजित बैठक के दौरान उपस्थित अधिकारियों को निर्देश प्रदान कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मोबाइल मॉनिटरिंग सिस्टम पर करौली, प्रतापगढ़, अजमेर, चूरू, चित्तौडगढ़, दौसा, डूंगरपूर, बारां, सवाईमाधोपुर, सिरोही, जोधपुर, हनुमानगढ़, बूंदी, पाली, कोटा एवं उदयपुर जिलों की प्रगति 50 प्रतिशत से कम है, जो ठीक नहीं है।
उन्होंने मनरेगा योजना के तहत् करवाए जा रहे विकास कायोर्ं की गुणवत्ता जांच के लिए राज्य स्तर पर एक सेल का गठन करने के लिए आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश भी दिए। उन्होेंने कहा कि अभी तक किसी कारणवश लम्बित रिजेक्ट ट्रांजेक्शन है तो उसके लिए भी भारत सरकार से पत्राचार किया जाए। साथ ही श्रमिकों की मोबाइल मॉनिटरिंग सिस्टम पर ऑनलाईन उपस्थिति के बारे में प्रभावी क्रियान्वयन किया जाए। उन्होंने कहा कि योजना के तहत ज्यादा से ज्यादा कन्वजेर्ंस के कार्य लिए जाना सुनिश्चत करे, साथ ही किए गए विकास कायोर्ं को थर्ड पार्टी से निरीक्षण करवाया जाए।
मीना ने कहा कि ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग की शिकायतों को दर्ज करने एवं निस्तारण के लिए अलग से ई-पंचायत पोर्टल तैयार करने के लिए आवश्यक कार्यवाही शीघ्र करें। उन्होंने कहा जिलों में विभाग से संबंधित समाचार-पत्रों में प्रकाशित नकारात्मक खबरों की मॉनिटरिंग सुनिश्चित करते हुए इन खबरों का समय पर निस्तारण करने की कार्यवाही सुनिश्चित की जाए।
ग्रामीण विकास मंत्री ने विभाग द्वारा ग्रामीण क्षेत्र में विभिन्न योजनाओं के तहत् कराये जान वाले विकास कायोर्ं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए पंचायत समिति स्तर पर भी टैस्टिंग लैब शुरू करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मनरेगा योजना के तहत व्यक्तिगत लाभ के कार्य एवं समूहवार श्रमिक नियोजन पर विशेष ध्यान दिया जाए।