'द कश्मीर फाइल्स' को लेकर सियासत शुरू से ही गर्म रही है इसी बीच पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी ने विपक्ष के व्दारा बीजेपी पर फिल्म का दुष्प्रचार करने के आरोपों पर विपक्ष को जमकर आड़े हाथों लिया।
समाचार एजेंसी एएनआई के साथ बातचीत में, भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी ने कहा कि कई राजनीतिक दल जो अब विपक्ष में हैं, उन्होंने 1990 में कश्मीरी पंडितों के खिलाफ अत्याचार के खिलाफ आवाज नहीं उठाई।
मुरली मनोहर जोशी ने कहा, "मैं कश्मीर हिंसा का प्रत्यक्षदर्शी गवाह हूं। मैं एक चश्मदीद गवाह था जब कश्मीरी पंडितों को बेरहमी से प्रताड़ित किया गया था। मैं मध्य प्रदेश के नेता केदारनाथ साहनी और आरिफ बेग के साथ कश्मीर गया था। हमने इस पर एक रिपोर्ट तैयार की थी। कश्मीर में तत्कालीन स्थिति और इसे पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को भेजा”।
उन्होंने उस समय के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी पर स्थिति को हल करने में विफल रहने का आरोप लगाया और साथ ही कहा कि उनकी टीम ने कश्मीर में हिंसा के शिकार हुए कई पंडितों और उनके परिवारों से मुलाकात की थी।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'हम भी सोचते थे कि सरकार उन्हें बचाने के लिए क्या कर रही है। लोग बीजेपी पर कश्मीर फाइल्स फिल्म के जरिए दुष्प्रचार करने का आरोप लगा रहे है, यह पूरी तरह गलत है। जोशी ने आगे जोर देकर कहा कि लोग अभी भी ऐतिहासिक घटनाओं से अनभिज्ञ रहना पसंद करते है जिसके कारण अतीत का निष्पक्ष ज्ञान होता है।
फिर उन्होंने सवाल किया कि सोहराबजी के समय में हुए नरसंहार को जनता को क्यों नहीं दिखाया जाता। हिटलर ने जर्मनी में जो किया वह भी जनता को नहीं दिखाया गया। यूक्रेन संकट को जनता के सामने रखा जा रहा है, लेकिन ऐसी घटनाएं आए दिन होती रहती है। जोशी ने कहा कि लोगों को ऐसी ऐतिहासिक घटनाओं से सबक लेकर भविष्य में इसे न दोहराने का संकल्प लेना चाहिए।
इससे पहले NCP प्रमुख शरद पवार ने The Kashmir Files को लेकर भाजपा पर जहरीला माहौल बनाने का आरोप लगाया था। NCP प्रमुख शरद पवार ने कहा कि "ऐसी फिल्म को स्क्रीनिंग के लिए मंजूरी नहीं देनी चाहिए थी। लेकिन इसे कर रियायतें दी जा रही हैं और जिन पर देश को एकजुट रखने की जिम्मेदारी है। जनता से इस फिल्म को देखने की अपील कर रहे हैं। यह फिल्म लोगों को भड़काने का काम करती है, जिसे प्रोत्साहित किया जा रहा है।"
पवार ने आगे कहा कि " पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूह कश्मीरी पंडितों और मुसलमानों पर हमलों के लिए जिम्मेदार थे। अगर नरेंद्र मोदी सरकार वास्तव में कश्मीरी पंडितों की परवाह करती है, तो उसे उनके पुनर्वास के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए न कि अल्पसंख्यकों के खिलाफ लोगों के अंदर गुस्सा भड़काने का प्रयास करना चाहिए।”
आपको बता दें कि विवेक रंजन अग्निहोत्री ने इसे निर्देशित किया है यह फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स', जो 20 करोड़ रुपये की लागत से बनी एक छोटे बजट की फिल्म है, 11 मार्च को सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी। अनुपम खेर, मिथुन चक्रवर्ती, पल्लवी जोशी, दर्शन कुमार वर्ष 1990 में कश्मीरी पंडितों पर अत्याचार और घाटी से उनके पलायन पर आधारित इस फिल्म में मुख्य भूमिकाएँ निभाई है। छोटे बजट में बनी इस फिल्म ने अभी तक 250 करोड़ से ज्यादा कि कमाई कर ली।