UP Assembly Election 2022 : लखीमपुर खीरी कांड के बाद बीजेपी का ब्राह्मण वोटर्स के लिए स्पेशल अभियान, क्या टेनी से हुए डैमेज को कंट्रोल कर पाएगी बीजेपी ?

आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर सियासी हवा तेज़ हो गई हैं। सभी पार्टियां वोटर्स को अपने अपने तरीके से साधने में जुट गई हैं। यूपी विधानसभा चुनाव में अपना दबदबा कायम रखने के लिए बीजेपी अब ब्राह्मण वोटर्स में सेंध मार रही हैं। इसे लेकर पार्टी एक अभियान चलाने कि तैयारी कर रही हैं।
UP Assembly Election 2022 : लखीमपुर खीरी कांड के बाद बीजेपी का ब्राह्मण वोटर्स के लिए स्पेशल अभियान, क्या टेनी से हुए डैमेज को कंट्रोल कर पाएगी बीजेपी ?

UP Assembly Election 2022 : लखीमपुर खीरी कांड के बाद बीजेपी का ब्राह्मण वोटर्स के लिए स्पेशल अभियान, क्या टेनी से हुए डैमेज को कंट्रोल कर पाएगी बीजेपी ?

Image Credit: Reuters/Files

आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर सियासी हवा तेज़ हो गई हैं। सभी पार्टियां वोटर्स को अपने अपने तरीके से साधने में जुट गई हैं। यूपी विधानसभा चुनाव में अपना दबदबा कायम रखने के लिए बीजेपी अब ब्राह्मण वोटर्स में सेंध मार रही हैं। इसे लेकर पार्टी एक अभियान चलाने कि तैयारी कर रही हैं। लेकिन, बीजेपी अपने इस अभियान से यूपी राज्य के इकलौते ब्राह्मण समाज से आने वाले केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा को दूर ही रख रही हैं। बता दें कि, अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा लखीमपुर खीरी मामले में मुख्य आरोपी है और फिलहाल जेल में सजा काट रहे हैं।

यूपी में लगभग 13 प्रतिशत ब्राह्मण आबादी
जानकारी के मुताबिक, यूपी में अपने कैडर से फीडबैक लेने के बाद, बीजेपी ने ब्राह्मण मतदाताओं को लुभाने के उद्देश्य से कार्यक्रम तैयार करने के लिए चार सदस्यीय समिति का गठन किया हैं। पार्टी के सूत्रों का कहना हैं कि, ग्राउंड कैडर ने अपने फीडबैक में कहा था कि विपक्षी दल एक हद्द तक यह सन्देश फ़ैलाने में सफल रहे हैं कि यूपी में योगी सरकार के राज में ब्राह्मणों को उचित सम्मान और प्रतिनिधित्व नहीं मिल पा रहा है। बता दें कि, यूपी में ब्राह्मण, कुल आबादी का लगभग 13 प्रतिशत हैं। इस दृष्टि से यह एक बड़ा वोट बैंक हैं। इसलिए बीजेपी अब इन्हें अपने पाले में करने की जद्दो जहद में जुट गई हैं। इस समिति में राज्यसभा सदस्य शिव प्रताप शुक्ला, पूर्व केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा, भाजपा युवा विंग के नेता अभिजीत मिश्रा और गुजरात के लोकसभा सांसद राम भाई मोकारिया शामिल है। यूपी चुनाव प्रभारी और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के साथ एक मीटिंग के बाद इस समिति का गठन किया गया है। इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए शिव प्रताप शुक्ला ने कहा कि - “हम विपक्षी दलों द्वारा फैलाई जा रही भ्रांतियों को दूर करने के लिए कार्यक्रम आयोजित करेंगे। भाजपा और यूपी सरकार ने ब्राह्मणों के लिए जो काम किया है, उसे बताने के लिए आउटरीच कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।”
<div class="paragraphs"><p>Ajay Mishra Teni Along With CM Yogi</p></div>

Ajay Mishra Teni Along With CM Yogi

लखीमपुर खीरी कांड का असर, अजय मिश्रा टेनी कार्यक्रम से बाहर

गत सोमवार को समिति के सदस्यों और योगी सरकार के मंत्रियों सहित अन्य ब्राह्मण नेताओं - श्रीकांत शर्मा, ब्रजेश पाठक और सतीश चंद्र द्विवेदी ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की थी। इस मुलाकात में मौजूद एक भाजपा नेता के मुताबिक, पार्टी राज्य भर में 100 से 150 ब्राह्मणों की छोटी-छोटी बैठकें करेगी।

इन दोनों बैठकों में ध्यान देने योग्य बात यह हैं कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी, जो कि यूपी में पार्टी का एकमात्र ब्राह्मण चेहरा हैं वो प्रधान के साथ तो मीटिंग में थे। लेकिन वे जेपी नड्डा वाली मीटिंग में शामिल नहीं हुए। लखीमपुर खीरी कांड के बाद भाजपा पर आरोप लगते रहे हैं कि टेनी पर कार्रवाई सिर्फ इसलिए नहीं हो रही हैं, क्योंकि पार्टी ब्राह्मण वर्ग को नाराज़ नहीं करना चाहती हैं। सूत्रों के अनुसार, भाजपा ने अजय मिश्रा टेनी को इस आउटरीच वाले कार्यक्रम से दूर ही रखा है। उन्हें इस कार्यक्रम के तहत कोई काम नहीं सौंपा गया है।

योगी सरकार में ब्राह्मण समाज को नहीं मिल रहा उचित प्रतिनिधित्व - विपक्ष

दूसरी तरफ विपक्ष सीएम योगी पर ठाकुरवाद का आरोप लगाता रहा हैं। कांग्रेस, सपा और बसपा तीनों पार्टियों का कहना हैं कि प्रदेश में ब्राह्मण समाज को उचित प्रतिनिधित्व नहीं मिल रहा हैं। योगी सरकार पर ब्राह्मण समुदाय की उपेक्षा करने का विपक्ष का आरोप लगभग दो साल पहले तब तेज़ होने लगा, जब बसपा प्रमुख मायावती ने यह घोषणा की थी, कि अगर 2022 में उनकी पार्टी सत्ता में आती हैं तो उनकी सरकार भगवान परशुराम की एक भव्य प्रतिमा स्थापित करेगी। मायावती की इस घोषणा के बाद तुरंत बाद ही एसपी ने भी इस तरह की घोषणा की थी। साथ ही कई आपराधिक घटनाओं को लेकर भी विपक्षी दलों ने योगी सरकार पर ब्राह्मण समुदाय के खिलाफ काम करने का आरोप लगाया हैं।

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