प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को तीन कृषि कानून वापस लेने का ऐलान कर दिया है। इसके बाद से विपक्ष इसे राजनीतिक हथकंडा बताने में जुटा है। अब कांग्रेस की महासचिव और यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी ने खुलकर प्रधानमंत्री मोदी को आड़े हाथों लिया है। प्रियंका ने पीएम मोदी को भेजा गया एक पत्र सार्वजनिक किया है। प्रियंका का कहना है कि 'नरेंद्र मोदी जी अगर देश के किसानों के प्रति आपकी नीयत सचमुच साफ है तो आज अपने केंद्रीय गृह राज्यमंत्री के साथ मंच पर विराजमान मत होईये, उनको बर्खास्त कीजिए।'
प्रियंका ने भी दावा किया है कि केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अमित शाह और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लखीमपुर हिंसा के आरोपी आशीष मिश्रा के पिता और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के साथ मंच साझा कर रहे हैं। आप भी अगर ऐसा करते हैं तो ये मान लिया जाएगा कि कातिलों को संरक्षण देने वालों के साथ खड़े हैं। ये किसान आंदोलन में जान गंवाने वाले 700 से ज्यादा किसानों का घोर अपमान होगा।
इससे पहले प्रियंका ने शनिवार सुबह एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मोदी सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि जिस तरह तीन काले कानून वापस लेकर आपने किसान का दर्द समझने का दावा किया है, वो अगर ये सच है तो अब लखीमपुर में शहीद किसानों के परिवारों को न्याय मिलना चाहिए और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा को मंत्रिमंडल से बर्खास्त कीजिए।
प्रियंका ने कहा- 'लखीमपुर खीरी में किसानों के कुचलने का आरोप गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा पर लगा है, लेकिन बीजेपी सरकार आरोपी को बचाने की कोशिश में जुटी है। अगर आप (पीएम मोदी) आरोपियों के साथ मंच साझा करते हैं तो सीधा संदेश जाएगा कि आप किसानों को कुचलने वाले लोगों को संरक्षण दे रहे हैं।' उन्होंने कहा- 'यह 700 से ज्यादा शहीद किसानों का अपमान होगा।'
प्रियंका ने आगे कहा- अगर किसानों के प्रति आपकी नीयत साफ है तो आज लखनऊ में पुलिस महानिदेशक सम्मेलन में गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के साथ विराजमान मत होना। हम मांग करते हैं कि पीड़ित परिवारों को न्याय देने के लिए आप गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा को बर्खास्त करें। सरकार सभी किसानों के खिलाफ चल रहे मुकदमे वापस ले और पीड़ित परिवारों को आर्थिक मदद दे। प्रियंका का कहना था कि लखीमपुर में किसानों के साथ अत्याचार हुआ इससे कोई इंकार नहीं कर सकता है। वहीं सरकार ने किसानों की आवाज दबाने की कोशिश की है। अभी तक सरकार लखीमपुर के आरोपियों बचाने की कोशिश कर रही है।
प्रियंका ने पत्र में आगे लिखा- 'मैं लखीमपुर खीरी कांड के पीड़ित परिवारों से मिली हूं। वे असहनीय पीड़ा में हैं। सभी परिवारों का कहना है कि वे सिर्फ न्याय चाहते हैं और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के पद पर बने रहते न्याय संभव नहीं है। उन्होंने आगे लिखा है कि लखीमपुर खीरी केस की जांच की हालिया स्थित पीड़ित परिवारों की आशंका को सही साबित करती है।
देश की कानून व्यवस्था के जिम्मेदार गृह मंत्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आपके उसी मंत्री के साथ मंच साझा कर रहे हैं। आप देश के प्रधानमंत्री हैं और किसानों के प्रति अपनी जिम्मेदारी अच्छी तरह से समझते होंगे। हर देशवासी के लिए न्याय सुनिश्चित करना प्रधानमंत्री का कर्तव्य ही नहीं, उनका नैतिक दायित्व होता है।
कल देशवासियों को संबोधित करते हुए आपने कहा कि सच्चे मन और पवित्र हृदय से किसानों के हित को देखते हुए कृषि कानूनों को वापस लेने का अभूतपूर्व निर्णय लिया गया है। आपने यह भी कहा कि देश के किसानों के प्रति आप नेकनीयत रखते हैं। यदि यह सत्य है तो लखीमपुर किसान नरसंहार मामले में पीड़ितों को न्याय दिलवाना भी आपके लिए सर्वोपरि होना चाहिए। लेकिन, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी अभी भी आपके मंत्रिमंडल में अपने पद पर बने हुए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को घोषणा की कि सरकार ने तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने का फैसला किया है, जिसे लेकर पिछले साल से किसान प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने प्रदर्शन कर रहे किसानों से घर लौटने की अपील की थी। गुरु नानक जयंती के अवसर पर शुक्रवार को राष्ट्र को दिए संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ये कानून किसानों के फायदे के लिए थे लेकिन वह जनता से क्षमा चाहते हैं कि सरकार किसानों के एक वर्ग को राजी नहीं कर सकी।