डेस्क न्यूज़ – गोवा विधानसभा ने सोमवार को विपक्षी कांग्रेस और गोवा फॉरवर्ड पार्टी (जीएफपी) के बहिर्गमन के बीच संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को बधाई देने वाला प्रस्ताव पारित किया।
बजट सत्र के पहले दिन विधायक अतानासियो मोनसेरेट और क्लाफ्सियो डियास ने आज अपराह्न प्रस्ताव पेश किया जिसका सत्तारूढ़ भाजपा के अधिकतर कैथोलिक विधायकों ने समर्थन किया।
इसपर नेता विपक्ष दिगंबर कामत के नेतृत्व में कांग्रेस और जीएफपी के विधायक हंगामा करते हुए आसन के समक्ष पहुंच गए और विधानसभा अध्यक्ष राजेश पाटनेकर से प्रस्ताव को मंजूरी न देने की मांग करने लगे।
बाद में, विपक्षी विधायकों ने यह कहते हुए सदन से बहिर्गमन किया कि उन्होंने नए नागरिकता कानून और राष्ट्रव्यापी राष्ट्रीय नागरिकता पंजी पर पर चर्चा के लिए नोटिस दिया था।
राज्य की 40 सदस्यीय विधानसभा में अध्यक्ष सहित भाजपा के 27 विधायक हैं। प्रस्ताव पारित होने के समय ये सभी विधायक मौजूद थे। इनके अलावा सदन में दो निर्दलीय विधायक भी मौजूद थे जिन्होंने भाजपा नीत सरकार को समर्थन दे रखा है।
सरकार का समर्थन करनेवाले राकांपा विधायक चर्चिल अलेमाओ इस दौरान अनुपस्थित थे।
विपक्षी विधायकों में पांच कांग्रेस, तीन जीएफपी और एक महाराष्ट्रवादी गोमंतक पार्टी (एमजीपी) से तथा एक निर्दलीय विधायक शामिल है।
मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने सदन को संबोधित करते हुए कहा कि कुछ नेता सीएए पर लोगों को गुमराह कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, ''विपक्ष के नेता कानून से अनभिज्ञ नहीं हैं। वे इसके बारे में भली–भांति जानते हैं, लेकिन लोगों को जानबूझकर गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं।''
सावंत ने कहा कि सीएए पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए लाया गया है।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में हिन्दुओं की संख्या 13.5 से घटकर 1.85 प्रतिशत रह गई है। मुख्यमंत्री ने कहा, ''ये लोग कहां गए? वे या तो धर्मांतरित करा दिए गए या पलायन कर भारत आ गए।'' उन्होंने कहा कि गोवा के बाहर के कुछ लोग स्थानीय ईसाइयों के मन में ''जहर'' भरने की कोशिश कर रहे हैं। बंदरगाह मंत्री एवं भाजपा नेता माइकल लोबो ने कहा कि पाकिस्तान गए अनेक ईसाई गोवा लौटना चाहते हैं।
भाजपा विधायक एवं बिजली मंत्री नीलेश काब्राल ने कहा कि सीएए से भारत में शत्रु संपत्ति के बड़े मुद्दे का समाधान होगा।
उपमुख्यमंत्री चंद्रकांत कावलेकर ने कहा कि कुछ नेता सीएए विरोधी आंदोलन से अपना राजनीतिक करियर पुनर्जीवित करने की कोशिश कर रहे हैं।