न्यूज – चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि प्रदेश में कोरोना की वास्तविकता को जांचने के लिए ही रैपिड टेस्टिंग किट की मदद ली जा रही थी लेकिन किट के पूर्णतया कसौटी पर खरा नहीं उतरने के बाद प्रदेश में इस किट से टेस्टिंग रोक दी गई है। उन्होंने बताया कि इसके बारे में आईसीएमआर (भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद) को लिख दिया है। वहां से अनुकूल जवाब नहीं मिलने पर इन किट्स को वापस भी भेजा जा सकता है।
डॉ. शर्मा ने बताया कि रैपिड टेस्टिंग किट का प्रभाव जानने के लिए विभाग ने माइक्रोबॉयोलॉजी की हैड और मेडिसन विभाग प्रमुख के नेतृत्व में कमेटी बनाई थी। इन किट्स की एक्यूरेसी (शुद्धता) 90 प्रतिशत होनी चाहिए थी लेकिन कमेटी के रिपोर्ट के अनुसार एक्यूरेसी 5.4 प्रतिशत ही आ रही है। उन्होंने बताया कि टेस्टिंग के वक्त आईसीएमआर की तापमान सहित अन्य गाइडलाइन का पूर्णतया पालन किया गया था ।
चिकित्सा मंत्री ने बताया कि चिकित्सकों की टीम ने सलाह दी है कि टेस्टिंग किट के इस्तेमाल से कोई फायदा नहीं है। ऐसे में रैपिड टेस्टिंग किट से जांच रोक दी गई है।
वर्तमान में पीसीआर द्वारा ही जांचें की जा रही है। उन्होंने बताया कि मांग के चलते पीसीआर किट की खरीद के भी विभाग ने ऑर्डर कर दिए हैं।