
न्यूज – राजस्थान टुरिज्म को खास बनाने वाली पैलेस ऑन व्हील्स की पहली ट्रेन विदाई की ओर है, देश की ब्राडग्रेज लाइन पर चली सबसे पहली पैलेस ऑन व्हील्स बूढी हो गई है, पर्यटन विकास निगम इस बूढी पैलेस ऑन व्हीलस को छोटे रूट पर रेस्टोरेंट ऑन व्हील्स नाम से चलाना चाहता था।
लेकिन रेलवे ने इसकी मंजूरी नहीं दी। इस ट्रेन का सफर 1995 वें में ब्राडग्रेज लाइन पर राजस्थान में पहली बार शुरू हुआ, ये देश की तीसरी पैलेस ऑन व्हील्स बनी। ये सफर 2017 तक चला, रेलवे ने इसका पुरा होने का हवाला देते हुए ट्रेन बदलने को कहा, रेलवे ने कहा कि एक तो ट्रेन की हालत ठीक नहीं है वहीं इस स्थिति में इसे चलाने से नुकसान ही होगा,
पैलेस ऑन व्हील्स नई दिल्ली से अपनी आठ दिनों की यात्रा पर राजस्थान आती थी। इस दौरान ये राजस्थान में घूमती हुई जयपुर, जैसलमेर, जोधपुर, सवाई माधोपुर, चित्तौडगढ़, उदयपुर, बीकानेर एंव उत्तरप्रदेश में आगरा रुकती है। शुरूआत में तो पैलेस ऑन व्हील्स का टिकट केवल डॉलर में ही मिलता था, किन्तु बाद में भारतीय रूपये में भी उपलब्ध हो गया था।
राजस्थान की ये शाही ट्रेन इसलिए भी खांस रही क्योंकि इसमें हमेशा 75 फीसदी से अधिक टिकट बुंकिग रही, तीन बार 98 फीसदी तक बुंकिग हुई। जब राजस्थान में शाही ट्रेन की शुरूआत हुई तो देखा देखी अन्य राज्यों ने भी शुरूआत की लेकिन उनकी टिकट बुकिंग 30 से 40 फीसदी तक ही रही यही कारण रहा कि राजस्थान की इस शाही ट्रेन ने दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाई।
अब इस ट्रेन को अजमेर यार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है, जंहा से एक-एक करके इसके सामान उतारकर अंतिम विदाई दी जाएगी।