न्यूज – रूस में प्रधानमंत्री ने एक चौंकाने वाले घटनाक्रम में बुधवार को इस्तीफा दे दिया। राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री दिमित्री मेदवेदेव का इस्तीफा स्वीकार कर लिया। वहीं एएफपी के हवाले से खबर आ रही है कि राष्ट्रपति पुतिन ने प्रधानमंत्री पद के लिए कर प्रमुख मिशुस्तिन के नाम का प्रस्ताव दिया है।
पुतिन ने जोर दिया कि संवैधानिक बदलाव के लिये राष्ट्रव्यापी रायशुमारी होनी चाहिए। पुतिन का मौजूदा कार्यकाल 2024 में पूरा हो रहा है और रूस की राजनीति के शीर्ष लोग इस बात को लेकर कयास लगा रहे थे कि उनकी भविष्य की योजना क्या है। पुतिन (67) रूस में बीस साल से भी ज्यादा समय से शीर्ष नेतृत्व संभाल रहे हैं जो जोसफ स्टालिन को छोड़कर किसी भी दूसरे रूसी या सोवियत नेता के कार्यकाल से लंबा है। उन्हें मौजूदा कानून के तहत कार्यकाल पूरा होने के बाद पद छोड़ना पड़ता, जो किसी भी राष्ट्रपति को लगातार दो कार्यकाल से ज्यादा पद पर बने रहने से रोकता है।
इन संवैधानिक संशोधनों का मकसद ऐसा पद तैयार करना है जिससे राष्ट्रपति का कार्यकाल खत्म होने के बाद भी पुतिन रूस में महत्वपूर्ण पद पर बने रह सकते हैं। प्रधानमंत्री दिमित्री मेदवेदेव ने टीवी पर प्रसारित टिप्पणी में कहा कि वह अपने नेता द्वारा सरकार में प्रस्तावित बदलाव की वजह से इस्तीफा दे रहे हैं।पुतिन ने मेदवेदेव को उनके कार्यों के लिये धन्यवाद दिया और उन्हें राष्ट्रपति सुरक्षा परिषद का उप प्रमुख नियुक्त किया। इससे पहले राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में पुतिन ने संविधान में संशोधन के संकेत दिए, जिससे सांसदों को प्रधानमंत्री और मंत्रिमंडल के सदस्यों को नामित करने का अधिकार होगा। अभी इनकी नियुक्ति का अधिकार रूस के राष्ट्रपति के पास है।
पुतिन ने शीर्ष अधिकारियों और सांसदों को संबोधित करते हुए कहा कि इससे संसद और संसदीय दलों, प्रधानमंत्री और मंत्रिमंडल के सदस्यों की शक्तियां व स्वतंत्रता बढ़ जाएगी। इसी के साथ पुतिन ने दलील दी कि अगर हम एक संसदीय प्रणाली के तहत शासित होंगे तो रूस स्थिर नहीं रहेगा। राष्ट्रपति को प्रधानमंत्री और मंत्रियों को बर्खास्त करने का अधिकार रखना चाहिए, जिससे शीर्ष रक्षा और सुरक्षा अधिकारियों को नामित किया जा सके और वह रूसी सैन्य व कानून प्रवर्तन एजेंसियों का प्रभारी होगा।