राजस्थान प्रदेश की कोरोना से रिवकरी रेट 73.24 तक पहुंची

प्रदेश मे अब तक 5 लाख कोरोना टेस्ट
राजस्थान प्रदेश की कोरोना से रिवकरी रेट 73.24 तक पहुंची
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न्यूज – चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डाॅ. रघु शर्मा ने कहा कि राजस्थान में पाॅजिटिव से नेगेटिव आने वाले मरीजों की रिकवरी रेट 73.24 प्रतिशत तक पहुंच गई है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के 10385 पाॅजीटिव मरीजों में से 7606 लोग इस महामारी को हराकर नेगेटिव हो चुके हैं।

डाॅ. शर्मा ने बताया कि राजस्थान टेस्टिंग में देश में तीसरे पायदान पर पहुंच गया है।    केवल तमिलनाडू और दिल्ली ही टेस्टिंग में आगे हैं। अब तक करीब 5 लाख टेस्ट  प्रदेश में किए जा चुके हैं। राज्य के सबसे बड़े एसएमएस अस्पताल में अब तक 1.25 लाख से ज्यादा टेस्ट किए जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश में यदि पाॅजिटिव केसेज बढ़ रहे हैं तो रिकवरी केसेज भी उसी अनुपात में बढ़ रहे हैं।

स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि प्रदेश में कोरोना की डबलिंग 21 दिनों में हो रही है। प्रदेश में कोरोना की मृत्युदर भी 2.25 प्रतिशत ही है। कुछेक राज्यों को छोड़कर अन्य राज्यों में मृत्युदर कहीं ज्यादा है। यही नहीं राष्ट्रीय औसत भी ज्यादा ही है। उन्होंने कहा कि प्रति 10 लाख लोगों की टेस्टिंग में 6612 टेस्ट प्रतिदिन हो रहे हैं।

डाॅ. शर्मा ने बताया कि भारत सरकार ने 6 जून को 10 राज्यों का फीगर जारी किया है, इसके अनुसार प्रदेश में महज 24.86 प्रतिशत केसेज एक्टिव हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में जितनी सर्तकता और सजगता के साथ कोरोना की रोकथाम के लिए काम हुआ है वह अन्य राज्यों के लिए नजीर बना हुआ है। उन्होंने बताया कि प्रतिदिन मुख्यंमत्री के स्तर पर एक-एक पहलू पर माॅनिटरिंग की जा रही है। विभाग पूरे अलर्ट मोड पर काम कर रहा है। उन्होने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार राजस्थान मरीजों की डबलिंग, मृत्युदर में कमी सहित सभी पैमाने पर सफल और पहले पायदान पर जगह बनाए हुए है और यह क्रम आगे भी जारी रहेगा।

उन्होंने बताया कि जिस राज्य में पहला केस आने तक टेस्टिंग की सुविधा तक नहीं थी उसी राज्य ने अब 20 हजार 350 टेस्ट प्रतिदिन करने की क्षमता राज्य ने विकसित कर ली है। आने वाले कुछ दिनों में 25 हजार टेस्ट प्रतिदिन करने की क्षमता भी हासिल हो जाएगी। यही नहीं प्रत्येक जिले में टेस्टिंग सुविधा विकसित करने के लिए भी विभाग काम कर रहा है। वर्तमान में 15 जिलों के 21 केंद्रों पर जांच का काम किया जा रहा है।

डाॅ. शर्मा ने बताया कि लाॅकडाउन के पीरियड में राज्य में स्वास्थ्य के आधारभूत ढांचे को विकसित करने का काम किया गया हैै। वर्तमान में राज्य में पर्याप्त वेंटीलेटर्स, आईसीयू, आॅक्सीजन सहित बैड, क्वारंटीन बैड सहित सभी सुविधाएं विकसित की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि राज्य किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए तैयार है।

स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा सांसद कोष समाप्त करने के बाद प्रदेश के मुख्यंमत्री ने विधायक कोष की राशि आने वाले 2 वर्षों तक उप स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक चिकित्सा केंद्र, सामुदायिक चिकित्सा केंद्र, उप जिला चिकित्सालय, जिला चिकित्सालयों के आधारभूत ढांचे मजबूत करने पर खर्च करने के निर्देश दिए हैं। विधायक कोष से मिली राशि से इन चिकित्सा संस्थानों में एक्स-रे मशीन, सोनोग्राफी सहित अन्य अत्याधुनिक मशीने भी उपलब्ध कराई जा सकेंगी। मशीनों के रखरखाव पर भी पूरा ध्शन दिया जाएगा।

डाॅ. शर्मा ने बताया कि 'निरोगी राजस्थान' अभियान सरकार की प्राथमिकता पर है। प्रदेश के सभी राजस्व गांवों को इस महीने में स्वास्थ्य मित्र मिल जाएंगे। ये मित्र राज्य और केंद्र सरकार की स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़ी जानकारियों से आमजन को जागरूक करेंगे साथ ही उन्हें स्वस्थ बने रहने के लिए प्रेरित करेंगे।

उन्होंने बताया कि भारत सरकार ने प्रदेश में कोरोना की व्यवस्थाओं को देखने के लिए दो बार दलों को राजस्थान भेजा। दोनों दलों ने सरकार द्वारा कोविड मैनेजमेंट की दिल खोलकर प्रशंसा की है साथ ही केंद्र सरकार को भी यहां के प्रयासों से रूबरू करवाया। उन्होंने बताया कि पिछले 3 महीनों से मुख्यमंत्री सहित पूरी सरकार ने हर मोर्चे पर सजगता दिखाई है, तभी राज्य में कोरोना को नियंत्रित किया जा सका है।

स्वास्थ्य मंत्री कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन भी मानता है कि इस महामारी के साथ जीने की आदत डाल लें। अभी तक कोई वैक्सीन या दवा इजाद नहीं की जा सकती है। ऐसे में बार-बार हाथ धोना, मास्क लगाना, दो गज की दूरी रखना, भीड़ में ना जाना जैसे तरीके अपनाने होंगे। सावधानी में ही बचाव है। उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि जिस अनुशासन का परिचय प्रदेश की जनता ने अब तक दिया है, उसी अनुशासन से हम आगे भी न केवल स्वयं को बल्कि परिवार, समाज और राष्ट्र को भी बचाएंगे।

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