बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी UPSC के दो सवाल देख भड़कीं‚ भाजपा पर इन सवालों को लेकर हुईं हमलावर

क्योकि ये परीक्षा यूपीएससी आयोजित कराती है। तो सवाल भी उसी पर उठाए गए । पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने UPSC की साख पर तो सवाल उठाए ही दोनों सवालो को राजनीति से प्रेरित बता दिया। उन्होंने भाजपा पर UPSC को बर्बाद करने के आरोप लगा दिए
बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी UPSC के दो सवाल देख भड़कीं‚ भाजपा पर इन सवालों को लेकर हुईं हमलावर
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पश्चिम बंगाल की CM ममता बनर्जी और केंद्र की भाजपा सरकार के बीच की तल्खिया लगातार सामने आती रहती हैं। यूँ समझ लीजिये की एक पूरब है तो दूजा पश्चिम। अब ममता बनर्जी UPSC के एग्जाम में पूंछे गए सवालो को लेकर भाजपा पर निशाना साथ है ,साथ ही यूपीएससी की निष्पक्छता पर सवाल उठाये हैं।

क्या है वजह

8 अगस्त को बंगाल में शसस्त्र पुलिस बालों यानि CAPF की भर्ती परीक्षा थी। जिसके आधार पर BSF ,CRPF ,ITBP ,SSB और CISF में असिस्टेंट कमांडोज़ की भर्ती होनी है। पेपर मे दो ऐसे सवाल थे जिन पर अब सियासत छिड़ गयी है। एक सवाल मे बंगाल की चुनावी हिंसा पर दो सौ शब्दों की रिपोर्ट लिखनी थी । दूसरा सवाल कृषि कानूनों के खिलाफ किसानो के चल रहे विरोध प्रदर्शन से जुड़ा था।

क्योकि ये परीक्षा यूपीएससी आयोजित कराती है। तो सवाल भी उसी पर उठाए गए । पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने UPsc की साख पर तो सवाल उठाए ही दोनों सवालो को राजनीति से प्रेरित बता दिया। उन्होंने भाजपा पर UPsc को बर्बाद करने के आरोप लगा दिए।

ममता ने सवालो को बीजेपी के सवाल करार दिए

ममता बनर्जी ने UPsc के इन सवालो को बीजेपी के सवाल करार दिए। ममता ने कहा ,
" संघ लोग सेवा आयोग पहले निष्पक्ष हुआ करता था अब इसके प्रश्न पत्रों मे बीजेपी सवाल दे रही है। यूपीएससी के पेपर मे बंगाल चुनाव बाद हुई हिंसा और किसान आंदोलन पर राजनितिक रूप से प्रेरित सवाल थे। इस तरह बीजेपी यूपीएससी जैसी संसथाओ को तबाह कर रही है। ये सरे राजनीति से प्रेरित सवाल पेपर मे आना निंदनीय है। इससे पता चलता है की बीजेपी किस तरह केंद्रीय पुलिस बालों का राजनीतिकरण कर रही है।

इसके खिलाफ कोई भी संस्था या उम्मीदवार कोर्ट मे जा सकता है। ऐसी कारण मैंने चुनाव के बाद सीआरपीएफ की तैनाती का मुद्दा उठाया था। "

ममता बनर्जी ने बीजेपी पर संवैधानिक संस्थाओं को ख़त्म करने का आरोप लगते हुए कहा , "संवैधानिक संस्थाओं को बुल्डोज किया जा रहा है। लैंड से स्काई तक केवल उनका ही नाम है। कोई डिगनिटी होनी चाहिए ,संविधान संघीय व्यवस्था और प्रजातान्त्रिक संस्थानों को भी बुल्डोज किया जा रहा है।

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