न्यूज – सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को SC / ST एक्ट पर बड़ा फैसला दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में दिए गए आदेश को रद्द कर दिया है और अब इससे जुड़े मामलों में तत्काल गिरफ्तारी होगी। अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 के संबंध में मार्च 2018 में दिए गए एक अदालती आदेश में इन मामलों में तत्काल गिरफ्तारी पर रोक लगा दी गई। अदालत के आदेश में कहा गया है कि पुलिस पहले शिकायत पर मामले की जांच करेगी और दोषी पाए जाने पर गिरफ्तारी करेगी। हालाँकि, इस आदेश का देशव्यापी विरोध किया गया और सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय से इस आदेश को वापस लेने की अपील की।
सुप्रीम कोर्ट ने SC / ST एक्ट के प्रावधानों को कम करने के फैसले के खिलाफ केंद्र सरकार की समीक्षा याचिका पर 20 सितंबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। 20 मार्च, 2018 को केंद्र सरकार द्वारा पुनर्विचार याचिका दायर की गई थी।
न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने मंगलवार को अपने फैसले में कहा कि एससी / एसटी को सदियों से बदनाम किया जा रहा है और समाज में व्याप्त कुरीतियों का अंत अभी भी नहीं हुआ है। अदालत ने पाया कि पिछड़े वर्गों को अभी भी समानता और नागरिक अधिकार नहीं मिले हैं और ये लोग अभी भी विकास का फल नहीं चख रहे हैं।