अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में बम ब्लास्ट करने वाले आतंकी संगठन आईएसआईएस पर अमेरिका ने बड़ी कार्रवाई की है। अमेरिका ने अफगानिस्तान में आईएसआईएस के ठिकानों पर ड्रोन से हमले किए हैं। काबुल ब्लास्ट में एक दर्जन अमेरिकी सैनिकों समेत अबतक 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। इससे पहले अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा था कि हम हमला करने वाले आतंकियों को बख्शा नहीं जाएगा।
अमेरिका ने अफगानिस्तान में ISIS-खुरासान ग्रुप के ठिकानों पर ड्रोन से हमला किया है। ये हमला अफगानिस्तान के नंगरहार प्रांत में किया गया है, जो कि पाकिस्तानी सीमा से लगा हुआ है और ISIS का गढ़ माना जाता है।
अमेरिकी रक्षा विभाग के प्रवक्ता कैप्टन बिल अरबन ने कहा है कि नंगरहार हमले में काबुल धमाकों का मास्टरमाइंड मारा गया है।
वहीं अमेरिका ने अपने नागरिकों से कहा है कि वे काबुल एयरपोर्ट से तुरंत हट जाएं, क्योंकि वहां फिर से ISIS के हमले का खतरा है। अमेरिकी दूतावास की तरफ से जारी किए गए अलर्ट में काबुल एयरपोर्ट के अब्बे गेट, ईस्ट गेट और नॉर्थ गेट का खास तौर से जिक्र किया गया है।
काबुल ब्लास्ट की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट खोरासान ने ली थी। अमेरिका ने अफगानिस्तान-पाकिस्तान सीमा के पास नंगरहार प्रांत में ये बमबारी की है। बताया जा रहा है कि इन हमलों में काबुल ब्लास्ट का मास्टरमाइंड मारा गया है। काबुल ब्लास्ट के बाद अमेरिका पर भारी दबाव था। काबुल हमलों के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा था कि जो भी इन हमलों में शामिल हैं, हम उनको छोड़ेंगे नहीं।
अफगानिस्तान पर तालिबान के नियंत्रण के बाद से हजारों अफगान देश से निकलने की कोशिश कर रहे हैं और पिछले कई दिनों से हवाई अड्डे पर जमा हैं। काबुल हवाई अड्डे से बड़े स्तर पर लोगों की निकासी अभियान के बीच पश्चिमी देशों ने हमले की आशंका जतायी थी। इससे पहले दिन में कई देशों ने लोगों से हवाईअड्डे से दूर रहने की अपील की थी क्योंकि वहां आत्मघाती हमले की आशंका जतायी गई थी।
बता दें कि 26 अगस्त को काबुल एयरपोर्ट के बाहर आतंकी संगठन आईएस के ने दो फिदायीन हमले किए थे। धमाकों में 170 लोगों को मौत हो गई। इन हमलों में 13 अमेरिकी सैनिक और 2 ब्रिटिश नागरिक भी मारे गए हैं, वहीं 1276 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। घायलों का अलग-अलग अस्पतालों में इलाज जारी है। घटना के बाद राष्ट्रपति बाइडन ने कहा कि था समय आने पर आतंकियों को अमेरिका करारा जवाब देगा। अमेरिका इसे माफ नहीं करेगा बल्कि उसे सजा देगा।