अफगानिस्तान में दूसरे देशों की मिलिट्री का हाल आप देख चुके हैं, इसलिए ये मसला एक खुली किताब है। तालिबान प्रवक्ता ने शनिवार को न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में ऐसा कहा है।
इधर भारत भी दो टूक कह चुका है अफगानिस्तान में ताकत के बल पर बनी सरकार को मान्यता नहीं देंगे। भारत के अलावा जर्मनी, कतर, तुर्की और कई अन्य देशों ने अफगानिस्तान में हिंसा और हमले तुरंत रोकने की अपील की है।
गुरुद्वारे से निशान साहिब का झंडा हटाने की घटना पर क्या बोले तालिबान प्रवक्ता
तालिबान प्रवक्ता ने ANI को दिए इंटरव्यू में ये भी कहा कि भारत ने अफगानिस्तान के लोगों और यहां के प्रोजेक्ट्स में जो मदद की है, वह अच्छा है।
अफगानिस्तान के पक्तिया में गुरुद्वारे से निशान साहिब का झंडा हटाने की घटना पर तालिबान प्रवक्ता का दावा है कि झंडा सिख समुदाय ने खुद ही हटाया था। जब हमारे सुरक्षा अधिकारी वहां गए तो सिख समुदाय ने कहा कि कोई झंडे को नुकसान पहुंचा सकता है, लेकिन हमने उन्हें भरोसा दिया कि ऐसा कुछ नहीं होता तो उन्होंने झंडा फिर से लगा दिया।
तालिबान प्रवक्ता मोहम्मद सुहैल शाहीन ने दावा किया है कि दूसरे देशों के दूतावासों और अधिकारियों को तालिबान से कोई खतरा नहीं है। ये बात हम कई बार कह चुके हैं और ये हमारा कमिटमेंट है।
तालिबान प्रवक्ता ने भारतीय डेलिगेशन से बातचीत की रिपोर्ट्स की पुष्टि नहीं की है। उसने कहा है कि बीते दिन दोहा में हुई एक मीटिंग में भारतीय डेलिगेशन जरूर शामिल था, लेकिन अलग से हमारी कोई मीटिंग नहीं हुई है।
तालिबान प्रवक्ता से जब पूछा गया कि क्या ये भरोसा दे सकते हैं कि अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल भारत के खिलाफ नहीं होगा। इसके जवाब में उसने कहा कि हम इस बात के लिए वचनबद्ध (कमिटेड) हैं कि अफगानी जमीन का इस्तेमाल किसी भी देश के खिलाफ नहीं होने देंगे।
तालिबान प्रवक्ता ने पाकिस्तान के आतंकी संगठनों से गहरे रिश्तों की बात को गलत बताया है। उसका कहना है कि ये आरोप सिर्फ कुछ तय नीतियों और राजनीति लक्ष्यों की वजह से लगाए जाते हैं।