डेस्क न्यूज – यूरोपियन रेस्पिरेटरी जर्नल (ईआरजे) में प्रकाशित एक हालिया अध्ययन का अनुमान है कि covid -19 महामारी के परिणामस्वरूप भारत में तपेदिक (Tuberculosis) से 95,000 लोगों की मौत हो सकती है।
भारत में लगातार कोविड-19 के रोगियों की बढ़ती संख्या टीबी के बीमार से ग्रसित रोगियों के लिए एक नया व्यवधान बनी हुई है, इसलिए अनुमान लगाया गया है कि कोरोनावायरस के कारण स्वास्थ्य सेवाओं में व्यवधान टीबी के मरीजों के लिए घातक साबित हो सकता है।
आपको बता दें कि पहले हर दिन दुनिया में टीबी से मरने वालों का आंकड़ा 4 हजार था, जो अब लगातार तेजी से बढ़ रहा है, एक अध्ययन में वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि भारत में 95,000 टीबी से संबंधित मौत हो सकती है। टीबी कोरोना से भी घातक हो सकता है।
शोधकर्ताओं ने कहा भारत के साथ चीन और दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों में भी टीवी से संबंधित मौतों का आंकड़ा बढ़ सकता है
अध्ययन में इस बात पर ज्यादा जोर दिया गया कि कोरोना के चलते टीबी के मामलों पर प्रभाव अधिक होगा क्योंकि 6 महीने तक चलने वाले सोशल डिस्टेंसिंग और स्वास्थ्य सेवाएं टीबी के मरीजों के लिए बाधाएं पैदा कर रही है, शोधकर्ताओं ने कहा कि अगले 5 सालों में टीबी के मरीजों में वृद्धि होगी, और भारत में 95000, दक्षिण अफ्रीका में 13000, और चीन में 6000, से भी अधिक मौतें हो सकती हैं।
शोधकर्ताओं ने यह भी कहा कि सबसे खराब स्थिति में, यह संख्या 2,00,000 तक बढ़ सकती है। रिपोर्ट के अनुसार, इन 3 देशों में वैश्विक टीबी के लगभग 40 फ़ीसदी मामले सामने आते हैं। यह अध्ययन लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन एंड लैंकेस्टर यूनिवर्सिटी (London School of Hygiene & Tropical Medicine and Lancaster University) के शोधकर्ताओं द्वारा किया गया।
वही भारत में कोरोना संकट लगातार बढ़ता जा रहा है देश में पिछले 24 घंटे में 16,922 नए मामले सामने आए और 418 लोगों की मौत हुई, लेकिन इन्हीं 24 घंटों में 13012 मरीज ठीक भी हुए। भारत में अब कोरोनावायरस पॉजिटिव की कुल संख्या 4,73,105 हो गई है जिनमें से 1,86,514 मामले अभी भी एक्टिव है देश में अब तक इलाज से 2,71,697 लोग ठीक हो चुके हैं जबकि 14894 लोगों की मौत हो चुकी है। एक राहत की खबर यह है कि देश में इलाज से ठीक होने मरीजों का रिकवरी रेट बढ़ कर अब 57.3 फ़ीसदी हो गया है।
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