उत्तरप्रदेश – सोनभद्र में मिला सोने का भण्डार

सोनभद्र के कोन थाना क्षेत्र के हरदी गांव में व दुध्धी तहसील के महुली गांव के सोन पहाड़ी में सोने का एक बड़ा भंडार मिलने की पुष्टि हो चुकी है. हरदी क्षेत्र में 646.15 किलोग्राम सोने का भंडार है वही सोन पहाड़ी में 2943.25 टन सोने का भंडार है.
उत्तरप्रदेश – सोनभद्र में मिला सोने का भण्डार
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न्यूज़- उत्तर प्रदेश में सोना का एक बड़ा भंडार मिला है. सोनभद्र की पहाड़ियों में 3 हजार टन सोने का भंडार मिला है. इसकी पुष्टि हो चुकी है और अब नीलामी की प्रकिया के लिए कार्यवाही शुरू कर दी गई है. जल्द ही सोने के ब्लॉकों की नीलामी कर दी जाएगी. सरकार की ओर से 7 सदस्यीय टीम गठित कर दी गई.

साल 2005 से ही यहां पर जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (जीएसआई) की टीम ने अध्ययन करके सोनभद्र में सोना होने के बारे में बताया था और इस बात की पुष्टि भी 2012 में हुई कि सोनभद्र की पहाड़ियों में सोना मौजूद है. हालांकि, इस पर अब तक काम शुरू नहीं हुआ था, लेकिन अब प्रदेश सरकार ने तेजी दिखाते हुए सोने के ब्लॉक के आवंटन के संबंध में प्रक्रिया शुरू कर दी है.

यहां मिला है सोने का भंडार

सोनभद्र के कोन थाना क्षेत्र के हरदी गांव में व दुध्धी तहसील के महुली गांव के सोन पहाड़ी में सोने का एक बड़ा भंडार मिलने की पुष्टि हो चुकी है. हरदी क्षेत्र में 646.15 किलोग्राम सोने का भंडार है वही सोन पहाड़ी में 2943.25 टन सोने का भंडार है.

जिओ टैगिंग करेगी 7 सदस्यीय टीम

ई टेंडरिंग के माध्यम से ब्लॉकों के नीलामी के लिए शासन ने 7 सदस्यीय टीम भी गठित कर दी है. यह टीम पूरे क्षेत्र की जिओ टैगिंग करेगी और 22 फरवरी 2020 तक अपनी रिपोर्ट भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशालय लखनऊ को सौंप देगी.

सोने के साथ मिला इनका भी भंडार

इसके साथ-साथ सोनभद्र के फुलवार क्षेत्र में दो स्थानों पर तथा सलैयाडीह क्षेत्र में एडालुसाइट , पटवध क्षेत्र में पोटाश, भरहरी  में लौह अयस्क और छपिया ब्लाक में सिलीमैनाइट के भंडार की भी खोज की गई है.

अब यूरेनियम की तलाश शुरू

इतना ही नहीं जिले के खनिज अधिकारी के के राय ने बताया कि सोनभद्र जिले में यूरेनियम का भी भंडार होने की संभावना है, जिसकी तलाश में केंद्रीय और अन्य टीम लगी हुई हैं.

सर्वे का काम जारी

खनिज अधिकारी केके राय ने बताया कि भूतत्व और खनिकर्म विभाग और जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की टीम इस कार्य में लगी हुई हैं. जल्द ही पट्टा देने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. अभी हेलीकाप्टर के माध्यम से हवाई सर्वे किया जा रहा है और इसका आकलन किया जा रहा है कि कितनी राजस्व की भूमि है और कितनी वन विभाग की ह,  जिससे खनन के लिए वन विभाग से अनुमति की प्रक्रिया शुरू हो सके.

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