हमें इम्पोर्ट नहीं एक्सपोर्ट पर आगे बढ़ना है – पीएम मोदी

कोरोना संकट पर पीएम मोदी ने कहा, ये समय अवसर को पहचानने का है, खुद को आज़माने का है और नई बुलंदियों की ओर जाने का है।
हमें इम्पोर्ट नहीं एक्सपोर्ट पर आगे बढ़ना है – पीएम मोदी
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न्यूज  –  इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि हमें आपदा को अवसर में बदलना है। पीएम मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस कार्यक्रम को संबोधित किया। कोरोना संकट पर पीएम मोदी ने कहा, ये समय अवसर को पहचानने का है, खुद को आज़माने का है और नई बुलंदियों की ओर जाने का है। ये अगर सबसे बड़ा संकट है, तो हमें इससे सबसे बड़ी सीख लेते हुए, इसका पूरा लाभ भी उठाना चाहिए।

पीएम मोदी के संबोधन की 10 बड़ी बातें

1. एक बहुत बड़ी वजह रही है कि बीते 5-6 वर्षों में, देश की नीति और रीति में भारत की आत्मनिर्भरता का लक्ष्य सर्वोपरि रहा है।

अब कोरोना क्राइसिस ने हमें इसकी गति और तेज करने का सबक दिया है। इसी सबक से निकला है, आत्मनिर्भर भारत अभियान।

2. हर वो चीज जिसे आयात करने के लिए देश मजबूर हैं, वो भारत में ही कैसे बने, भविष्य में उन्हीं उत्पादों का भारत निर्यातक कैसे बने, इस दिशा में हमें और तेजी से काम करना है।

3. अब देश में बैंकिंग सर्विस का दायरा उन लोगों तक भी पहुंच पाया है, जो लंबे समय से इससे दूर थे। जनधन, आधार, मोबाइल के माध्यम से बिना लीकेज करोड़ों लोगों को तक जरूरी सहायता पहुंचाना संभव हुआ है।

4. भारत में एक और अभियान अभी चल रहा है, देश को सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त करने का। विशेषकर पश्चिम बंगाल के लिए तो ये बहुत ही फायदेमंद है। इससे राज्य में जूट का कारोबार बढ़ने की संभावना बढ़ती है।

5. आज प्रतिवर्ष देशवासियों के करीब-करीब 19 हजार करोड़ रुपए बिजली के बिल एलईडी की वजह से बच रहे हैं। ये बचत गरीब को हुई है, ये बचत देश के मध्यम वर्ग को हुई है।

6.मैन्युफैक्चरिंग में बंगाल की ऐतिहासिक श्रेष्ठता को हमें पुनर्जीवित करना होगा। हम हमेशा सुनते आए हैं, जो बंगाल आज सोचता है वो भारत कल सोचता है। हमें इससे प्रेरणा लेते हुए हमें आगे बढ़ना होगा।

7. पूर्वी भारत में बांस की खेती और आर्गेनिक उत्पादों के लिए भी क्लस्टर्स बनेंगे। सिक्किम की तरह पूरा नॉर्थ ईस्ट, आर्गेनिक खेती के लिए बहुत बड़ा हब बन सकता है।

8. किसानों और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए जो निर्णय हाल में हुए हैं, उन्होंने एग्रीकल्चर इकॉनॉमी को बरसों की गुलामी से मुक्त कर दिया है। अब भारत के किसानों को अपने उत्पाद, अपनी उपज देश में कहीं पर भी बेचने की आज़ादी मिल गई है।

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