2024 के लोकसभा चुनाव में वैसे तो अभी काफी समय है लेकिन राजनीतिक दलों के लिए इसके लिए अभी से रणनीति बनानी शुरु कर दी है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी सोमवार यानि आज से अपनी दिल्ली यात्रा की शुरुआत करने वाली हैं। तीन दिन तक ममता बनर्जी दिल्ली में रहेंगीं।
इस दौरान वह विपक्षी नेताओं से मुलाकात करेंगी। हाल में हुए पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में मिली प्रचंड जीत के बाद बनर्जी के नेतृत्व वाला संगठन अगले लोकसभा चुनावों में भगवा पार्टी को लेने के लिए 'एकजुट' विपक्ष के लिए संदेश भेज रही हैं। ममता बनर्जी इस दौरान सोनिया गांधी एनसीपी प्रमुख शरद पवार से भी मुलाकात करेंगी।
ममता बनर्जी को गैर एनडीए नेताओं से मुलाकात करनी है। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ उनकी मुलाकात राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बनी हुई है।
खास बात यह भी है कि पश्चिम बंगाल के चुनाव में ममता बनर्जी के चुनावी रणनीतिकार रहे प्रशांत किशोर हाल में राहुल गांधी प्रियंका गांधी से मिले थे।
उनके कांग्रेस में शामिल होने की भी खबरें सामने आ रही हैं। दूसरी तरफ ममता बनर्जी के दिल्ली दौरे से पहले उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी ने पेगासस मामले को लेकर केंद्र पर निशाना साधा है।
अब सवाल सामने आ रहा है कि क्या ममता बनर्जी के नाम को सोनिया गांधी आगे करेंगी। बंगाल चुनाव में पीएम नरेन्द्र मोदी अमित शाह के प्रचार के बाद भी ममता का प्रदर्शन शानदार रहा।
लेकिन सवाल यह है कि किसी क्षेत्रीय नेता को आगे कर गांधी परिवार ऐसे संकेत दे कि बीजेपी से मुकाबला करने में कांग्रेस अब मजबूत नहीं रही, ऐसी संभावना कम है। टीएमसी ने बार-बार कहा है कि 2024 के आम चुनावों में भाजपा को हराने के लिए एक बहुत मजबूत विपक्ष की जरूरत है।
जानकारी के मुताबिक ममता बनर्जी अपने दिल्ली दौरे गैर एनडीए नेताओं को एक मंच पर लाने की कोशिश करेंगी। इससे पहले भी कर्नाटक में सभी विपक्षी नेता एक मंच पर दिख चुके हैं। ममता बनर्जी का शानदार नेतृत्व निश्चित रूप से केंद्र में फासीवादी-केंद्रित शासन के खिलाफ एक बहुत मजबूत विपक्ष के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने जा रहा है।
इसलिए, यह स्वाभाविक है कि टीएमसी सभी विपक्षी दलों को बोर्ड में लाने के लिए उत्सुक होगी, बनर्जी अपने दिल्ली दौरे के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मिलने वाली हैं।