क्या है PM मोदी को बदनाम करने वाली टूलकिट का सच ? कौन है सौम्या वर्मा

कोरोना महामारी के दौरान बीजेपी ने कांग्रेस पर 'टूलकिट' के जरिए देशवासियों में भ्रम फैलाने और PM मोदी की छवि को धूमिल करने का आरोप लगाया था।
क्या है PM मोदी को बदनाम करने वाली टूलकिट का सच ? कौन है सौम्या वर्मा

डेस्क न्यूज़: कोविड-19 के कथित टूलकिट को लेकर उठा विवाद बढ़ता ही जा रहा है। बुधवार को BJP ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर 'सबूत' पेश किया। उन्होंने दावा किया कि यह टूलकिट कांग्रेस द्वारा तैयार किया गया था जिसके माध्यम से वह कोरोना काल में राजनीतिक लाभ लेने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि खराब करने के लिए तैयार थी। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि यह टूलकिट सौम्या वर्मा ने तैयार किया है। पात्रा ने दावा किया कि सौम्या कांग्रेस सांसद एमवी राजीव गौड़ा के कार्यालय में काम करती हैं। BJP के इस दावे के बाद ट्विटर पर 'सौम्या वर्मा' का नाम ट्रेंड करने लगा है।

पात्रा ने टूलकिट के स्रोत से संबंधित एक दस्तावेज़ भी जारी किया

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पात्रा ने सौम्या वर्मा के सोशल मीडिया अकाउंट्स और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और गौड़ा के साथ उनकी कुछ तस्वीरें साझा कीं। उन्होंने टूलकिट के स्रोत से संबंधित एक दस्तावेज़ भी जारी किया और ट्वीट किया, "कांग्रेस ने कल पूछा कि टूलकिट किसने तैयार किया?" कृपया इस पेपर की सामग्री देखें। इसे सौम्या वर्मा ने लिखा है। सबूत ही बताते हैं कि ये सौम्या वर्मा कौन है। क्या सोनिया गांधी और राहुल गांधी जवाब देंगे? "

'सौम्‍या वर्मा कौन हैं, कांग्रेस बताए' – संबित पात्रा

तमाम दावों के साथ पात्रा ने कहा, ''हम जो सबूत आपके सामने रख रहे हैं वही, सब कुछ साबित करते हैं… एआईसीसी (अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी) के शोध विभाग का अहम हिस्सा ही नहीं बल्कि मुख्य भूमिका में रहती हैं सौम्या वर्मा जी और मुझे बहुत दुख के साथ कहना पड़ रहा है…..।'' उन्होंने कहा, ''इस टूलकिट को तैयार करने वाले का नाम आज सामने आया और सबूतों से देश के सामने यह स्थापित भी हो चुका है…क्या सौम्या वर्मा जी कांग्रेस की कार्यकर्ता हैं? क्या सौम्या वर्मा जी एआईसीसी के शोध विभाग में काम करती हैं? क्या सौम्या वर्मा जी राजीव गौड़ा के तहत काम करती हैं? क्या उन्होंने इस टूलकिट को तैयार नहीं किया है? कांग्रेस पार्टी इस पर जवाब दे।''

कांग्रेस सांसद राजीव गौड़ा ने क्‍या कहा?

गौड़ा ने एक ट्वीट में कहा कि "हमने पार्टी के लिए सेंट्रल विस्टा पर एक शोध नोट तैयार किया था जो सही और तथ्य आधारित है। मैंने कल ट्वीट किया था कि 'कोविड-19 टूलकिट' नकली है और भाजपा द्वारा बनाई गई है।पात्रा एक असली डॉक्‍युमेंट का मेटाडेटा दिखा रहे हैं और उसे एक फेक दस्‍तावेज से जोड़ रहे हैं।"

सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है मामला

कांग्रेस के कथित टूलकिट का मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है। अधिवक्ता शशांक शेखर झा ने पूरे मामले की एनआईए से जांच कराने याचिका दायर की है। याचिका में कहा गया है कि टूलकिट के जरिए लोगों को सरकार के खिलाफ भड़काने और दुनिया में भारत की छवि खराब करने की योजना थी। याचिका में कहा गया है कि दोष साबित होने पर कांग्रेस की मान्यता रद्द कर दी जानी चाहिए।

'टूलकिट' विवाद में रामदेव भी कूदे

इस पूरे विवाद पर योग गुरु रामदेव ने भी अपनी राय रखी है। उन्होंने कहा, 'कुंभ मेला और टूलकिट के माध्यम से सनातन हिंदू धर्म को बदनाम करना सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक साजिश, पाप और अपराध है। जो ऐसा कर रहे हैं उनसे हाथ जोड़कर प्रार्थना है कि राजनीति करो लेकिन 100 करोड़ से ज्यादा हिंदुओं का अपमान मत करो। रामदेव ने कहा, "आप बहुत घृणित कार्य कर रहे हैं। देश आपको कभी माफ नहीं करेगा। देश के लोगों को ऐसी शाश्वत और भारत विरोधी ताकतों का बहिष्कार और विरोध करना चाहिए।"

बीजेपी ने कांग्रेस पर लगाए थे आरोप

भाजपा ने मंगलवार को कांग्रेस पर कोरोना महामारी के दौरान भ्रम फैलाने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि खराब करने का आरोप लगाया। पार्टी ने कहा कि इस संकट के दौर में विपक्षी दल की "गिद्धों की राजनीति" बेनकाब हो गई है। पात्रा ने एक "टूलकिट" का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि कोरोना के समय, जब पूरा देश एक महामारी से लड़ रहा था, कांग्रेस ने अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए दुनिया भर में भारत को "अपमानित और बदनाम" करने की कोशिश की है।

कांग्रसे ने किया था पलटवार, दर्ज कराई FIR

कांग्रेस ने जवाबी कार्रवाई करते हुए भाजपा, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और उसके वरिष्ठ नेताओं बीएल संतोष, स्मृति ईरानी, संबित पात्रा और कई अन्य के खिलाफ दिल्ली पुलिस में 'फर्जी टूलकिट' तैयार करने और 'जालसाजी' की करने का आरोप लगाते हुए FIR दर्ज करवाई। "टूलकिट" एक प्रकार का दस्तावेज़ है जिसमें आपके अभियान को आगे बढ़ाने के लिए बिंदु-दर-बिंदु मुद्दे होते हैं। अभियान को धार देने के लिए इन्हीं मुद्दों पर विरोधियों को घेरने का दुष्प्रचार किया जाता है। हाल ही में किसान आंदोलन के दौरान भी एक टूलकिट सामने आया जिसकी काफी चर्चा हुई।

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