प्रयागराज : मेजा इलाके में रहने वाली दसवीं पास पारो निषाद की मुलाकात 2019 में प्रियंका गांधी के बोट टूर के दौरान हुई थी। जिसके बाद प्रियंका गांधी ने पारो के साथ कुछ दूर जाकर उनसे बात की। उस दौरान उन्होंने पारो से पढ़ाई लिखने के साथ ही अपने परिवार के बारे में भी जानकारी ली थी। प्रियंका ने यह भी पूछा था कि वह बड़ी होकर क्या बनेंगी। उसके बाद प्रियंका गांधी ने पारो को एक टैबलेट भेजा। इसके साथ ही त्योहारों पर तोहफे और मिठाइयां भी भेजी गई हैं। तभी से पारो और उनका परिवार प्रियंका गांधी के फैन हो गए हैं।
पारो मेजा क्षेत्र के सिरसा इलाके में गंगा तट पर रहती है। पारो के पिता बृजलाल निषाद मछली का व्यवसाय करते हैं। पारो तीन बहनों में तीसरी हैं और उनका एक बड़ा भाई है। वह दूसरे शहर में रहता है और काम करता है। पारो की दो बड़ी बहनों ने केवल आठवीं और दसवीं तक ही पढ़ाई की है, लेकिन प्रियंका गांधी से मिलने के बाद पारो ने फैसला किया कि वह पढ़-लिखकर जीवन में कुछ करना चाहती हैं। इसलिए उन्होंने प्रियंका गांधी से भी बात की।
जिसके बाद प्रियंका ने उन्हें दिल्ली में भर्ती कराकर बेहतर पढ़ाई का आश्वासन दिया है। फिलहाल पारो 10वीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद दिल्ली में दाखिले का इंतजार कर रही है। उनका कहना है कि दिल्ली में उनका एडमिशन हो गया है, लेकिन कोरोना खत्म होने के बाद वह आगे की पढ़ाई के लिए दिल्ली जाएंगी।
2022 के विधानसभा चुनाव में 40 फीसदी महिला उम्मीदवारों को टिकट देने के प्रियंका गांधी के फैसले की पारो और उनके परिवार वालों ने सराहना की है। जहां पारो का कहना है कि प्रियंका दीदी ने जो भी किया है, अच्छा किया है. वह हमेशा लड़कियों और महिलाओं के लिए अच्छा करेगी। वहीं पारो के पिता बृजलाल निषाद का भी कहना है कि प्रियंका गांधी के इस फैसले से उत्तर प्रदेश में महिलाओं की स्थिति मजबूत होगी।
लखनऊ में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान यूपी विधानसभा में 40 फीसदी टिकट महिलाओं को देने की घोषणा की गई है। इस दौरान उन्होंने यह फैसला लेने की कई वजहें बताई थीं। उन्होंने कहा था कि मैंने यह फैसला प्रयागराज की उस लड़की पारो के लिए लिया है। जिसने मेरा हाथ थाम कर कहा कि दीदी बड़ी होकर नेता बनना चाहती हूं।