पीएम मोदी के आर्थिक पैकेज से क्या ‘आत्मनिर्भर’ बनेगा भारत?

गैर-बैंकिग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) तथा आवास वित्त कंपनियों को 30 हजार करोड़ रुपए की नकदी सुविधा
पीएम मोदी के आर्थिक पैकेज से क्या ‘आत्मनिर्भर’ बनेगा भारत?

न्यूज – वित्तमंत्री सीतारमण ने बताया था कि सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों समेत छोटे कारोबारियों को तीन लाख करोड़ रुपए का बिना गारंटी वाला लोन उपलब्ध कराने और गैर-बैंकिग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) तथा आवास वित्त कंपनियों को 30 हजार करोड़ रुपए की नकदी सुविधा उपलब्ध कराना शामिल है।

इसके अलावा वेतन को छोड़ अन्य सभी भुगतानों पर टैक्स टीडीएस, टीसीएस की दर में 25 प्रतिशत की कटौती, कंपनियों को कर्मचारी भविष्य निधि में सांविधिक योगदान को वेतन के 12 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत करने, नकदी संकट से जूझ रही बिजली वितरण कंपनियों को 90,000 करोड़ रुपए की मदद तथा निर्माण कंपनियों को सरकारी परियोजनाएं पूरी करने के लिए अतिरिक्त छह महीने का समय भी दिया गया है।

सीतारमण ने कहा था कि इन उपायों से वृद्धि को गति मिलेगी और आत्मनिर्भर भारत बनने का रास्ता साफ होगा। उन्होंने कहा था इसके जरिए कारोबार सुगमता, अनुपालन को आसान बनाया गया है तथा साथ ही हमारा इरादा स्थानीय तौर पर बनने वाले उत्पादों को बढ़ावा देना भी है। कुल 20 लाख करोड़ रुपए के पैकेज में पूर्व में घोषित 1.70 लाख करोड़ रुपए का पैकेज तथा आरबीआई के घोषित उपाय भी शामिल हैं।

इस बड़े पैकेज के जरिए सरकार का लक्ष्य दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था को कोरोना संकट के प्रभाव से उबारते हुए पटरी पर लाना और आत्मनिर्भर बनाना है।

एमएसएमई और अन्य छोटी इकाइयों के बारे में सीतारमण ने कहा कि उन्हें बिना किसी गारंटी के कर्ज की सुविधा मिलने से 45 लाख लघु उद्यमों को लाभ होगा। यह रिण रियायती ब्याज दर पर उपलब्ध कराया जायेगा। यह रिण सुविधा 25 करोड़ रुपए तक बकाया कर्ज वाले और 100 करोड़ रुपये तक का कारोबार करने वाली इकाइयों को उपलब्ध होगी जिनके कर्ज खाते मानक श्रेणी में होंगी। ऐसी इकाइयों को कर्ज के लिये कोई गारंटी नहीं देनी होगी, उस राशि पर भारत सरकार की पूरी गारंटी होगी।

यह राशि इन इकाइयों को उनके 29 फरवरी 2020 के बकाये कर्ज के 20 प्रतिशत तक अतिरिक्त कार्यशील पूंजी के तौर पर उपलब्ध कराई जायेगी।एमएसएमई के लिए फंड ऑफ फंड

वित्त मंत्री ने कहा कि यह कर्ज चार साल के लिये दिया जाएगा और मूल राशि लौटाने में पहले 12 महीने की राहत दी जाएगी। इसके अलावा इस समय कर्ज नहीं चुका पा रही एमएसएमई इकाइयों के लिए भी कुल 20,000 करोड़ रुपये के कर्ज की सुविधा दी जाएगी। इससे 2 लाख इकाइयों को लाभ होगा। सीतारमण ने कहा कि एमएसएमई के लिये 'फंड ऑफ फंड' गठित किया जा रहा है, इसके जरिये वृद्धि की क्षमता रखने वाली और विस्तार करने वाली एमएसएमई में 50,000 करोड़ रुपये की इक्विटी पूंजी डाली जाएगी।

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