कोरोना संकट के समय योग सबसे अहम – पीएम मोदी

देश भर में लॉकडाउन में विस्तार के ऐलान के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देशवासियों से 'मन की बात' कर रहे हैं। कोरोना संकट के दौरान यह तीसरी बार है जब पीएम मोदी देश के लोगों को इस कार्यक्रम के जरिए संबोधित कर रहे हैं।
कोरोना संकट के समय योग सबसे अहम – पीएम मोदी
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न्यूज –   देश भर में लॉकडाउन में विस्तार के ऐलान के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देशवासियों से 'मन की बात' कर रहे हैं। कोरोना संकट के दौरान यह तीसरी बार है जब पीएम मोदी देश के लोगों को इस कार्यक्रम के जरिए संबोधित कर रहे हैं। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि भारत में पूरी मजबूती के साथ कोरोना वायरस की लड़ाई लड़ी जा रही है। पीएम मोदी ने एक बार फिर लोगों से अपील करते हुए कहा कि दो गज की दूरी के नियमों में जरी भी ढील न बरतें।

– कोरोना संकट के इस समय में योग आज इसलिए भी ज्यादा अहम है, क्योंकि ये वायरस, हमारे रेस्पिरेटरी सिस्टम को सबसे अधिक प्रभावित करता है।

– इस चिंता को दूर करने के लिए ही करीब डेढ़ साल पहले 'आयुष्मान भारत' योजना शुरू की गई थी। कुछ ही दिन पहले 'आयुष्मान भारत' के लाभार्थियों की संख्या एक करोड़ पार हो गई है

– हमारे रेलवे के साथी दिन-रात लगे हुए हैं। केंद्र हो, राज्य हो, स्थानीय स्वराज की संस्थाएं हो- हर कोई दिन-रात मेहनत कर रहा है। जिस प्रकार रेलवे के कर्मचारी आज जुटे हुए हैं, वे भी एक प्रकार से अग्रिम पंक्ति में खड़े कोरोना वॉरियर्स ही हैं

– कोरोना के खिलाफ लड़ाई का यह रास्ता लंबा है। एक ऐसी आपदा जिसका पूरी दुनिया के पास कोई इलाज नहीं है। जिसका कोई पहले का अनुभव ही नहीं है। ऐसे में नई नई चुनौतियों और उसके कारण परेशानियां हम अनुभव कर रहे हैं

– हमारे देश में भी कोई वर्ग ऐसा नहीं है जो कठिनाई में न हो, परेशानी में न हो और इस संकट की सबसे बड़ी चोट अगर किसी पर पड़ी है तो वो हमारे गरीब, मजदूर, श्रमिक वर्ग पर पड़ी है। उनकी तकलीफ, उनका दर्द, उनकी पीड़ा शब्दों में नहीं कही जा सकती

– हमारे डॉक्टर्स, नर्सिंग स्टाफ, सफाईकर्मी, पुलिसकर्मी, मीडिया के साथी ये सब जो सेवा कर रहे हैं, उसकी चर्चा मैंने कई बार की है। मन की बात में भी मैंने उसका जिक्र किया है। सेवा में अपना सब कुछ समर्पित कर देने वाले लोगों की संख्या अनगिनत है

– कोरोना से होने वाली मृत्यु दर भी हमारे देश में काफी कम है। जो नुकसान हुआ है, उसका दु:ख हम सबको है, लेकिन जो कुछ भी हम बचा पाएं हैं, वो निश्चित तौर पर देश की सामूहिक संकल्पशक्ति का ही परिणाम है

– देश में सबके सामूहिक प्रयासों से कोरोना के खिलाफ लड़ाई बहुत मजबूती से लड़ी जा रही है। हमारी जनसंख्या ज्यादातर देशों से कई गुना ज्यादा है, फिर भी हमारे देश में कोरोना उतनी तेजी से नहीं फैल सका, जितना दुनिया के अन्य देशों में फैला है

– तमाम सावधानियों के साथ, हवाई जहाज उड़ने लगे हैं, धीरे-धीरे उद्योग भी चलने शुरू हो गए हैं, यानी, अर्थव्यवस्था का एक बड़ा हिस्सा अब चल पड़ा है। ऐसे में, हमें और ज्यादा सतर्क रहने की आवश्यकता है। दो गज की दूरी के नियम हो या मास्क लगाने की बात इसमें जरा भी ढिलाई नहीं बरतनी है

– कोरोना के प्रभाव से मन की बात भी अछूती नहीं रही है। पिछली मन की बात के समय पैसेंजर ट्रेन, बसें, हवाई सेवा बंद थी, लेकिन इस बार काफी कुछ खुल चुका है

– शनिवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 1 जून से शुरू होने वाले लॉकडाउन के अगले चरण के तहत कंटेनमेंट जोन के बाहर सभी गतिविधियों को फिर से खोलने के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए हैं। नई गाइडलाइंस में तीन चरणों में प्रतिबंधों को हटाने का खाका पेश किया है। पहले चरण में आठ जून से धार्मिक स्थल, होटल, रेस्टोरेंट और मॉल को खुल जाएंगे। दूसरे चरण में स्कूलों, कालेजों व अन्य शिक्षण संस्थानों को जुलाई से खोला जाएगा। तीसरे चरण में मेट्रो, सिनेमा हॉल, जिम, स्विमिंग पूल समेत अंतरराष्ट्रीय हवाई यात्रा को खोला जाएगा।

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