न्यूज – उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अब गरीब सवर्णों को नौकरियों में 10 फीसदी आरक्षण देने की तैयारी कर रही है। इसके लिए सरकार ने कानून बनाने का फैसला लिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में गरीब सवर्णों को आरक्षण देने के लिए प्रस्तावित कानून से संबंधित विधेयक के मसौदे को मंजूरी दे दी। इस विधेयक को इसी बजट सत्र में पास कराकर राज्यपाल के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। इस विधेयक का नाम यूपी लोक सेवा (आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए आरक्षण) विधेयक-2020 है।
कैबिनेट ने पू्र्व मुख्यमंत्रियों को आजीवन बंगले देने की व्यवस्था को समाप्त करने का फैसला किया है। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट के सात मई, 2018 के आदेश के अनुपालन में राज्य संपत्ति विभाग नियंत्रणाधीन भवनों का आवंटन (संशोधन) विधेयक-2020 के मसौदे को मंजूरी दी गई। ऐसा मूल अधिनियम में इस व्यवस्था को शून्य घोषित करने के लिए किया जा रहा है।
सरकार ने गरीब सवर्णों को अभी तक सरकारी नौकरियों में 18 फरवरी, 2019 के शासनादेश के जरिए पहली फरवरी, 2019 को या इसके बाद रिक्त पदों पर दस फीसदी आरक्षण दिया है। लेकिन अब इसके लिए अधिनियम के जरिए दिया जाएगा। गरीब सवर्णों को सभी श्रेणी की सरकारी नौकरियों में (अल्पसंख्यक संस्थाओं को छोड़कर) दस फीसदी आरक्षण दिया जाएगा। आठ लाख रुपये सालाना से कम आय वाले परिवार इस लाभ को पाने के हकदार होंगे।
कैबिनेट ने सरकार के विभिन्न विभागों, निगमों, उपक्रमों, परिषदों, आयोगों और संस्थाओं में नियुक्त, मनोनीत गैर सरकारी अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सदस्य व सलाहकार को भी आवास आवंटित करने का फैसला किया है। सुप्रीम कोर्ट के दस अक्तूबर, 2018 के आदेश के अनुपालन में ट्रस्टों को आवंटित भवनों और उनके नवीनीकरण की अवधि में भी बदलाव करने का फैसला किया गया है।