भारत की लगातार मजबुत होती अर्थव्यवस्था औऱ देश में जारी आर्थिक सुधारों के बीच अमेरिका से भी एक अच्छी खबर आयी है, अमेरिका ने भारतीय मुद्रा रूपया को निगरानी सूची से बाहर निकालने का फैसला किया है, अमेरिका ने भारतीय मुद्रा को पिछले साल ही अप्रैल में निगरानी सूची में डाला था। अमेरिका फॉरेन एक्सचेंज पॉलिसी पर शक होने पर दुसरे देशों की मुद्रा को निगरानी सूची में डाल देता है। वही चीन से भी अपनी मुद्रा में गिरावट रोकने के लिए जरुरी कदम उठाने को कहा है।
ट्रंप सरकार ने अंतरराष्ट्रीय आर्थिक एवं विनिमय दर नीतियों पर तैयार रिपोर्ट को अमेरिकी संसद में पेश करते हुए कहा कि भारतीय मुद्रा विनिमय में अब स्थिरता आ रही है। ऐसे में अमेरिका भारत के साथ कोई व्यापारिक जोखिम नहीं चाहता है। रिपोर्ट में जो आधार बनाए गए तीन मानदंडों में से सिर्फ में एक (द्विपक्षीय अधिशेष) में ही भारत को प्रतिकूल पाया गया है। भारत के अलावा स्विटजरलैंड को भी मुद्रा निगरानी से राहत दी गई है। रिपोर्ट में कहा गया कि भारत और स्विटजरलैंड दोनों देशों के विदेशी मुद्रा क्रय मे 2018 में गिरावट दर्ज की गई थी।
हालाकि अभी भी अमेरिकी निगरानी मे कई देश शामिल है। इसमें अभी चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, जर्मनी, इटली, आयरलैंड, सिंगापुर, मलयेशिया और वियतनाम जैसे बड़े देश शामिल हैं।
अमेरिका ने चीन की मुद्रा को निगरानी सूची से बाहर करने से इनकार किया और कहा कि चीन अपनी लगातार कमजोर होती मुद्रा को मजबूत बनाने के लिए जरूरी कदम उठाए, पिछले कुछ समय से चीन की मुद्रा डॉलर के मुकाबले 8 फीसदी तक नीचे गिरी है। इसके अलावा अमेरिका के साथ चीन का व्यापार भी चार तिमाहियों में 419 अरब डॉलर रहा है।