केंद्र की सलाह के खिलाफ जाकर दूसरी लहर से झारखंड को बचाया; CM हेमंत सोरेन

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोमवार को कहा कि केंद्र सरकार द्वारा कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान लॉकडाउन नहीं लगाने की सलाह के विपरीत राज्य में लॉकडाउन लगाने से कई लोगों की जान बचाई गई।
केंद्र की सलाह के खिलाफ जाकर दूसरी लहर से झारखंड को बचाया; CM हेमंत सोरेन

डेस्क न्यूज़: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोमवार को दावा किया कि केन्द्र सरकार ने कोरोना वायरस की दूसरी लहर के दौरान ये जानते हुए की दूसरी लहर कितनी भयानक हो सकती है, लॉकडाउन नहीं लगाने की सलाह दी थी, इसके बावजूद राज्य में लॉकडाउन लगाया गया लोगों की जीवन रक्षा की गई।

ऑनलाइन बैठक के दौरान CM ने स्तिथि का जायज़ा लिया

मुख्यमंत्री ने आज अपने आवासीय कार्यालय में ऑनलाइन बैठक की और सभी मंत्रियों से कोरोना संक्रमण की ताजा स्थिति, रोकथाम एवं नियंत्रण तथा भविष्य की रणनीति से संबंधित तैयारियों पर चर्चा की।

केंद्र सरकार को दूसरी लहर का पहले से अंदाज़ा था

मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया, ''संक्रमण की दूसरी लहर का अंदेशा केन्द्र सरकार को काफी पहले से था इसके बावजूद देश में लॉकडाउन को लेकर असमंजस की स्थिति रही। केन्द्र सरकार ने तो लॉकडाउन नहीं लगाने की सलाह दी थी। लेकिन अंततः राज्यों ने अपने स्तर पर निर्णय लेते हुए लॉकडाउन लगाया जिससे बड़ी संख्या में आम लोगों की जान बचायी जा सकी।''

मुख्यमंत्री ने कहा, ''हमारी सरकार ने 24 अप्रैल 2021 से स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह लागू करने का निर्णय लिया जो काफी प्रभावी और सकारात्मक साबित हो रहा है।''

झारखंड की 75 प्रतिशत आबादी ग्रामीण

उन्होंने कहा कि झारखंड की 75 फीसदी आबादी ग्रामीण इलाकों में रहती है। राज्य सरकार को जीवन और आजीविका दोनों की चिंता है। यही कारण है कि स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह को तीन बार बढ़ाया गया, लेकिन हर बार आम लोगों के हित को ध्यान में रखते हुए फैसलों में फेरबदल किया गया।

सोरेन ने कहा, ''आज हम कह सकते हैं कि राज्य अच्छे निर्णयों के साथ आगे बढ़ रहा है और हम संक्रमण दर को 50 प्रतिशत से ज्यादा कम करने में सफल हुए हैं। राज्यवासियों को संक्रमण से बचाना सरकार की पहली प्राथमिकता है।''

उन्होंने कहा, ''हम संक्रमण की तीसरे लहर की आशंका के मद्देनजर तैयारी में जुटे हैं। राज्य सरकार विशेषज्ञों तथा विशेषज्ञ शिशु रोग चिकित्सकों के सुझाव के साथ आगे की कार्य योजना बना रही है।''

राज्य को 4 करोड़ टीको की ज़रूरत

मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड को चार करोड़ टीकों की जरूरत है। लेकिन अब तक राज्य को 40 लाख टीके ही उपलब्ध हो पाए हैं। इसके लिए राज्य सरकार लगातार केंद्र से समन्वय कर रही है।

ग्रामीण विकास विभाग और संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने बताया कि राज्य सरकार के सकारात्मक प्रयासों से स्थिति नियंत्रण में नजर आ रही है। दूसरे राज्यों से आने वाले शत-प्रतिशत श्रमिकों की आरटीपीसीआर जांच सुनिश्चित होगी तभी ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रमण पर काबू पाया जा सकेगा।

Like and Follow us on :

Related Stories

No stories found.
logo
Since independence
hindi.sinceindependence.com