चुनौतियों से लड़कर बेटियों के लिए प्रेरणा बनीं, भारत की ये बेटी…

इंजीनियर की नौकरी को छोड़कर संभाली भारतीय नौसेना में खास कमान
चुनौतियों से लड़कर बेटियों के लिए प्रेरणा बनीं, भारत की ये बेटी…

डेस्क न्यूज़- छोटी सी उम्र में देखा देश सेवा का ख्वाब, नेवी का यूनिफॉर्म पहनी तो पूरा हुआ सपना। वर्दी पहनने वाला महिला या पुरुष नहीं होता है, वो सिर्फ अधिकारी होता है। ऐसी बुलंद सोच वाली सब लेफ्टिनेंट स्पंदना रेड्डी आज सेना में खास कमान संभाल रही हैं। महिलाओं ने जब भी कमान संभाली तब सफलता का परचम लहराया। साइंस, मैनेजमेंट, एजुकेशन, उद्यमिता से लेकर कोई ऐसा सेक्टर नहीं है, जहां महिलाओं ने मेहनत, लगन और साहस के दम पर अपना सिक्का नहीं जमाया हो। ऐसा ही एक नाम है-सब लेफ्टिनेंट स्पंदना रेड्डी।

सेना को आपने करियर चुना, आपको सेना में आने की प्रेरणा कहा से मिली ?

स्पंदना रेड्डी- बहुत सारे लोग आपको जीवन में प्रभावित करते हैं, मगर मुझे अब्दुल कलाम जी से नेवी में आने की प्रेरणा मिली। मेरे लिए वो बचपन से प्रेरणा श्रोत थे। मैंने हर पल सीखा हैं अब्दुल कलम से। उनके हर वाक्य को मैंने अपनी जिंदगी में सीख की तरह लिया है।

नेवी में आने के पीछे आपका मकसद क्या था ?

स्पंदना रेड्डी- मैं नेवी में आने से पहले मेकेनिकल इंजीनियर थी और एक ऑटोमोबाइल फार्म में कार्यरत थी, उसके बाद मैंने नेवी को अपने करियर के रूप में चयन किया। अगर इंजीनियर नहीं होती तो मैं इंजीनियर के तौर पर अपने काम का बेहतर प्रदर्शन करती। नेवी में आने के पीछे मेरा यह मकसद और आकर्षण रहा हैं क्योंकि यह एडवेंचार्स से भरा हैं और इसकी यूनिफार्म मुझे हमेशा से अपनी ओर खींचती रही हैं।

आपका सपना क्या है किस मुकाम पर खुद को देखना चाहती हैं ?

स्पंदना रेड्डी- मैं एक साधारण से परिवार से निकल कर आती हूं, और फौज में आना मेरे लिए फक्र की बात हैं। इस मुल्क ने हमें सब कुछ दिया है, हमें भी उसको कुछ अच्छा देना है। देशसेवा के लिए मैं समर्पित हूं और ये ही मेरा सपना है कुछ ऐसा करूं की भारत और मेरे माता-पिता को मुझ पर नाज हो।एक ही बात हर वक्त दिल में रहती है कि अच्छा करना है और देश का नाम रौशन करना हैं।

किस रूप मैं पहचाना जाना चाहती है आप ? 

स्पंदना रेड्डी- एक ऑफिसर के रूप में, क्योंकि जब एक महिला यूनिफार्म पहनती हैं वो ना पुरुष होती है ना महिला वो एक ऑफिसर होती हैं।

इतना आसान नहीं होता फौज में काम करना, मगर आपका हौसला क्या हैं ? 

स्पंदना रेड्डी- फोर्स एक ऐसी जगह होती हैं जहा हर पल आपको नई चुनौती मिलती हैं, आम आदमी की जिंदगी में कभी कभी चुनौतियां आती है मगर एक फौजी की जिंदगी में हर पल और रोजाना एक नई चुनौती आती है। हम लोग रोज उसका सामना करते हैं और नई चुनौती के लिए तैयार रहते हैं। मेरा हौसला मेरे माता पिता है, उनके सपने है जिसको पूरा करने लिए मैं कभी हिम्मत नहीं हारती बस बढ़ती चलती हूं आत्मविश्वास के साथ।

'शक्ति' के माध्यम से देश की महिलाओं के लिए आपका सन्देश ? 

स्पंदना रेड्डी- कभी भी चुनौतियों से ना डरे बस आगे बढ़े ये चुनौतियां ही जीवन में सीख देती हैं।अगर जीवन में चुनौतियां ना हो तो जीवन का कोई अर्थ नहीं। मेरा संदेश ये ही है कि सपने देखिए, उनको मजबूती के साथ पूरा कीजिए। डरकर कभी भी अपना रास्ता मत बदलिए क्योंकि जीत हौसलों से होती हैं।

Related Stories

No stories found.
logo
Since independence
hindi.sinceindependence.com