वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को संसद में वित्त वर्ष 2021-22 का आम बजट पेश किया जिसकी मुख्य विशेषताएं इस प्रकार है
… बजट में स्वास्थ्य और खुशहाली में 2,23,846 करोड़ रुपए का व्यय का प्रावधान
…कोविड-19 टीके के लिए 35,000 करोड़ रुपए।
… न्यूमोकोकल वैक्सीन देश भर में दी जाएगी, जिससे हर वर्ष 50,000 बच्चों की मौतों को रोका जा सकेगा।
…प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना के लिए छह वर्ष में 64,180 करोड़ रुपए व्यय किए जाएंगे।

नई सार्वजनिक स्वास्थ्य इकाइयों को चालू किया जाएगा और 33 मौजूदा सार्वजनिक स्वास्थ्य इकाइयों को मजबूत किया जाएगा।
…जल जीवन मिशन (शहरी) के लिए पांच वर्ष में 2,87,000 करोड़ रुपये का परिव्यय।
…2.86 करोड़ परिवारों को नल कनेक्शन।
…500 अमृत शहरों में तरल कचरा प्रबंधन।
…शहरी स्वच्छ भारत मिशन 2.0 के लिए पांच वर्ष की अवधि में 1,41,678 करोड़ रुपए का आबंटन।
…वायु प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए 10 लाख से अधिक जनसंख्या वाले 42 शहरी केंद्रों के लिए 2,217 करोड़ रुपए की राशि।
…पुराने और अनुपयुक्त वाहनों को हटाने के लिए एक स्वैच्छिक वाहन स्क्रैपिंग नीति।
…निजी वाहनों को 20 वर्ष और वाणिज्यिक वाहनों को 15 वर्ष फिटनेस लेने की जरूरत।
… 13 क्षेत्रों में पीएलआई योजना के लिए अगले पांच वर्षों में 1.97 लाख करोड़ रुपए का प्रावधान।
… तीन वर्ष की अवधि में सात टेक्सटाइल पार्क स्थापित किए जाएंगे।

गेल, आईओसीएल और एचपीसीएल की तेल और गैस पाइपलाइन द्वितीय एवं तृतीय स्तर के शहरों में भी।
… वर्ष 2021-22 के लिए पूंजीगत व्यय में 5.54 लाख करोड़ रुपये प्रदान किए गए हैं।
… सड़क एवं राजमार्ग मंत्रालय को 1,81,101 लाख करोड़ रुपए का अब तक का सर्वाधिक आबंटन।
…11,000 किलोमीटर के राष्ट्रीय राजमार्ग गलियारे मार्च, 2022 तक पूरे कर लिए जाएंगे।
… रेलवे के लिए 1,10,055 करोड़ रुपए की राशि ।
… वर्ष 2023 तक ब्रॉड-गेज मार्गों पर शत-प्रतिशत विद्युतिकरण पूरा होगा।
… सार्वजनिक बस परिवहन सेवाओं का विस्तार करने के लिए 18,000 करोड़ रुपए की लागत से एक नई योजना शुरू की जाएगी।
… वित्त वर्ष 2021-22 में बड़े-बड़े पत्तनों पर सरकारी और निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल के तहत प्रमुख पत्तनों द्वारा सात परियोजनाएं प्रस्तावित की जाएंगी जिनकी लागत 2,000 करोड़ रुपए से अधिक होगी।
उज्ज्वला योजना का विस्तार कर इसमें एक करोड़ और लाभार्थियों को शामिल किया जाएगा।
… अगले तीन वर्ष में 100 अन्य जिलों को सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क से जोड़ा जाएगा।
… जम्मू-कश्मीर में एक नई गैस पाइप लाइन परियोजना शुरू की जाएगी।
… एक स्वतंत्र गैस ट्रांसपोर्ट सिस्टम ऑपरेटर का गठन किया जाएगा।
… स्वर्ण विनिमय को विनियमित करने के लिए एक व्यवस्था स्थापित की जाएगी।
… सेबी को एक विनियामक के रूप में अधिसूचित किया जाएगा।
… गैर परंपरागत ऊर्जा क्षेत्र को और अधिक बढ़ावा देने के लिए भारतीय सौर ऊर्जा निगम में 1,000 करोड़ रुपए और भारतीय नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी में 1,500 करोड़ रुपए की अतिरिक्त पूंजी लगाई जाएगी।
… बीमा कंपनियों में स्वीकार्य एफडीआई सीमा को 49 प्रतिशत से बढ़ाकर 74 प्रतिशत किया जाएगा।
… वर्ष 2021-22 में डाटा विश्लेषण, कृत्रिम बौद्धिकता मशीन, शिक्षा जनित एमसीए 21 वर्जन 3.0 की शुरुआत।
… विनिवेश से 1,75,000 करोड़ रुपए प्राप्त होने का अनुमान।
बीपीसीएल, एयर इंडिया, शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, कंटेनर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, आईडीबीआई बैंक, बीईएमल, पवन हंस, नीलांचल इस्पात निगम लिमिटेड आदि का रणनीतिक विनिवेश 2020-21 में पूरा हो जाएगा।
मोदी की योजना है देश की संपत्ति घनिष्ठ मित्र पूंजीपतियों को देना
वही : कांग्रेस नेता राहुल ने वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश आम बजट की आलोचना करते हुए अपनी प्रतिक्रिया में कहा है कि मोदी सरकार देश की संपत्ति घनिष्ठ मित्र पूंजीपतियों के हाथों में दे देना चाहती है। एक ट्वीट संदेश में राहुल ने कहा कि जनता के हाथ में कैश देने की बात तो भूल ही जाइए ..मोदी सरकार देश की संपत्ति को अपने चंद पूंजीपति मित्रों के हाथों में सौंप देने पर विचार कर रही है।
सोमवार को संसद में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश आम बजट की कांग्रेस और अन्य विपक्षी पार्टियों ने आलोचना की है। बजट के पहले कांग्रेस ने कृषि क्षेत्र का बजट आवंटन बढ़ाने और तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की थी।
ऐसे बड़े वित्तीय प्रोत्साहन से ही जनता के हाथों में मनी आ सकती है
राहुन ने अपने ट्वीट संदेश में कहा था – रोजगार सृजन के लिए किसानों, मजदूरों और सूक्ष्म, लघु व मध्यम इंटरप्राइज सेक्टर को समर्थन दें..जीवन बचाने के लिए हेल्थकेयर परिव्यय बढ़ाइए और सीमाओं की रक्षा के लिए रक्षा बजट भी बढ़ाइए।
कांग्रेस ने पहले इस बात का उल्लेख किया था कि देर से ही सही, मगर सरकार को अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिए बड़ा वित्तीय प्रोत्साहन देना चाहिए। ऐसे बड़े वित्तीय प्रोत्साहन से ही जनता के हाथों में मनी आ सकती है।
कांग्रेसी नेताओं ने केंद्र से मांग की थी कि वह ऐसे 20-30 प्रतिशत परिवारों को डायरेक्ट कैश ट्रांसफर करे जो पिछले छह महीनों से गरीबी से बुरी तरह जूझ रहे हैं।